गूगल ने जवाहरलाल नेहरू, बाल दिवस पर नहीं बनाया Doodle, एक छोटे से यंत्र को किया याद

गूगल का डूडल हमें कई ऐसे दिनों की जानकारी देता है जिसके बारे में हमें नहीं पता होता है। इसी तरह का आज का रंग-बिरंगा डूडल रोज की तरह साधारण ना होकर एक नए ढंग में दिख रहा है। इस डूडल में एक छोटा-सा यंत्र नजर आ रहा है, आज का ये डूडल विशेष तो है लेकिन इसके विशेष होने का कारण भारतीय बाल दिवस नहीं है। आज के दिन भारतीय गूगल ने होल पंचर का डूडल बनाया है। हर किसी को इंतजार था कि आज भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिवस के अवसर पर बाल दिवस का डूडल प्रस्तुत किया जाएगा या बच्चों के किसी कार्यक्रम आदि का डूडल बनाया जाएगा। इसके साथ ही हर किसी को बाल दिवस की महत्वता बताई जाएगी। लेकिन सबकी उम्मीदों से हटकर गूगल ने एक ऐसी मशीन का डूडल बनाया है जो हमारे रोज के काम में कहीं ना कहीं प्रयोग होती है। होल पंचर की 131 वीं सालगिरह पर डूडल प्रस्तुत किया है।

आज से 131 साल पहले 14 नवंबर 1886 में फ्रेडरिक ने होल पंचर का आविष्कार किया था। फ्रेडरिक एक जर्मन अफसर थे जिन्होनें 1875 में अपनी कंपनी की स्थापना की थी। 131 साल में होल पंचर की मशीन में बहुत बदलाव आया है। सबसे पहले बनी पंचिग मशीन से लेकर अभी में कई तरह के बदलाव आए हैं। लेकिन इससे पहले गूगल ने छोटे यंत्रों के अविष्कार की तिथि पर डूडल नहीं बनाया था। आज इस तरह से गूगल के डूडल ने सबको गूगली देकर सभी को ये अहसास करवाया कि इन छोटे यंत्रों का भी हमारे जीवन में कितना महत्व है। पिछले वर्ष आज के दिन भारत में गूगल नें बाल दिवस के डूडल के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवाई थी जिसमें पुणे की एक लड़की विजयी हुई थी। वो रंग-बिरंगा डूडल सभी की आंखे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। बाल दिवस भारत में 14 नवंबर को मनाया जाता है। पंडित नेहरु बच्चों को बहुत पसंद करते थे और उन्हें प्यार से चाचा नेहरु कहते थे। नेहरु बच्चों में देश का भविष्य देखते थे और चाहते थे कि हर क्षेत्र में देश के बच्चे नाम रौशन करें।

आज भारत के बच्चे हर क्षेत्र में अपने देश का नाम रौशन कर रहे हैं और दुनिया के सामने उदाहरण रख रहे हैं कि कला, विज्ञान, अध्यात्म किसी भी क्षेत्र में भारत किसी से भी कम नहीं है। भारत देश के बच्चों के लिए इसी तरह का सपना चाचा नेहरु ने देखा था। स्कूलों में इस दिन को खास बनाने के लिए कार्यक्रम रखे जाते हैं। फैंसी ड्रेस, डांस, नाटक आदि जैसे कार्यक्रम रखे जाते हैं। इस दिन नेहरु जी की सीख बच्चों को समझाने का प्रयास किया जाता है। इस तरह से बच्चों के जीवन में चाचा नेहरु के महत्व को बनाए रखने का प्रयास किया जाता है। कई देशों में बाल दिवस 1 जून को मनाया जाता है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस या चिल्ड्रन डे 20 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन के लिए गूगल की तरफ से तो इस वर्ष बधाई नहीं दी गई लेकिन बाल दिवस की महत्वता को जानते और समझते हुए अपने बच्चों को नेहरु के विचारों को तक पहुंचाएं।

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