गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा में हिंसा पर काबू पाने को कहा
त्रिपुरा में छिटपुट हिंसा की खबरों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि टेलीफोन पर हुई बातचीत में राज्यपाल तथागत राय और डीजीपी एके शुक्ला ने त्रिपुरा की स्थिति और यहां विधानसभा चुनाव में भाजपा – आइपीएफटी गठबंधन की जीत के बाद भड़की हिंसा पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों से केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया। शनिवार को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच छिटपुट हिंसा और संघर्ष की खबरें सामने आई थीं।
एक बुलडोजर की मदद से दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया और सबरूम में सोमवार को वामपंथ के अगुवा माने जाने वाले लेनिन की दो प्रतिमाएं ढहा दी गईं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा में 25 साल के बाद सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है। अपने गठबंधन सहयोगी आइपीएफटी के साथ मिल कर भाजपा ने त्रिपुरा में दो तिहाई बहुमत हासिल कर वाम किला ध्वस्त कर दिया है। इस बीच माकपा ने त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद शुरू हुई हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वामपंथी संगठनों और कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। लोकसभा में माकपा के उपनेता मोहम्मद सलीम ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि पार्टी पोलित ब्यूरो की ओर से प्रधानमंत्री को इस बारे में पत्र लिखकर त्रिपुरा के हालात से अवगत कराया गया है।
सलीम ने कहा कि त्रिपुरा में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शुरू हुए हिंसा के दौर का ताजा उदाहरण राज्य में लेनिन की प्रतिमा ढहाना है। उन्होंने कहा कि पत्र में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद त्रिपुरा में भाजपा समर्थकों की माकपा कार्यकर्ताओं और संगठनों के खिलाफ हिंसक घटनाओं का ब्योरा भी दिया गया है। इसके मुताबिक पांच मार्च को शाम चार बजे तक त्रिपुरा में हिंसा की घटनाओं में 514 लोग घायल हुए हैं। 1539 घरों पर हमले किए गए। 196 घरों में आग लगाई गई। माकपा के 134 पार्टी कार्यालयों को निशाना बनाया गया है और 208 पार्टी कार्यालयों पर कब्जा किया गया। लेकिन भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोवियत संघ के संस्थापक लेनिन की त्रिपुरा में प्रतिमा गिराए जाने का बचाव करते हुए मंगलवार को कहा कि लेनिन ‘आतंकवादी’ थे। स्वामी ने सवाल किया कि क्या भारत में ऐसे किसी व्यक्ति की प्रतिमा लगाई जा सकती है। स्वामी ने कहा कि अगर कम्युनिस्ट नेता चाहें तो वे अपनी पार्टी मुख्यालय के भीतर लेनिन की प्रतिमा स्थापित कर लें और उनकी पूजा करें।
स्वामी ने सवाल किया – लेनिन विदेशी थे। वे एक तरह से आतंकवादी थे क्योंकि उन्होंने रूस में तानाशाही लागू करने के बाद कई लोगों की हत्या की। आप चाहते हैं कि ऐसे व्यक्ति की प्रतिमा हमारे देश में लगे? राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह प्रतिमा टूटी नहीं है और भाजपा इसे माकपा के कार्यालय में भेज देगी। जबकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि वे विदेशी नेतृत्व को नहीं, बल्कि महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय जैसे भारतीय नेताओं को आदर्श मानते हैं।