गोरखपुर कांड: डॉ कफील खान पर हैं बलात्कार, दूसरे की जगह एग्जाम देने और प्राइवेट क्लिनिक चलाने के आरोप
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के 20 दिन बाद आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। डॉक्टर को शाहजनवा गांव से गिरफ्तार किया गया है। कफील खान को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया है और कफील के साथ छह अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। डॉक्टर कफील खान वार्ड नंबर 100 के इंचार्ज थे। यह वही बाल चिकित्सा अनुभाग जहां बच्चों की मौतें हुई थीं। ऑक्सीजन सिलेंडरों की खरीद के लिए पहली बार अपनी जेब से पैसे देने के लिए उनकी प्रशंसा की गई थी। उस वक्त कफील की छवि एक ‘मसीहा’ के तौर पर सामने आई। हालांकि डॉक्टर कफील खान पर कई गंभीर आरोप भी लगे हैं। कफील खान पर बलात्कार, दूसरे की जगह पेपर देने और प्राइवेट अस्पताल चलाने जैसे गंभीर आरोप लगे हुए हैं। कफील पर एक गलत हलफनामे प्रस्तुत करने का आरोप मुख्य सचिव द्वारा एक जांच के दौरान लगाया गया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह हलफनामा क्या था।
बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बीआरडी) में ऑक्सिजन की कमी और इंसेफलाइटिस के चलते बच्चों की मौत के मामले में चीफ सेक्रटरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी थी। चीफ सेक्रटरी की ओर से मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी ने बीआरडी अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल आर.के. मिश्रा समेत 5 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने का आदेश दिया था।
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 और 11 अगस्त को हुई दर्जनों मासूम बच्चों की मौत के मामले में डॉ. राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले बीआरडी अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ला को पुलिस ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लिया था। गोरखपुर कोर्ट ने डॉक्टर कफील खान समेत 7 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी किया था। इससे पहले यूपी के डीजीएमई के.के. गुप्ता की तहरीर पर 27 अगस्त को लखनऊ के हजरतगंज थाने में 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें पहली एफआईआर भ्रष्टाचार, दूसरी लापरवाही बरतने और तीसरी एफआईआर प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ दर्ज की गई थी।