गोरखपुर-फूलपुर नतीजों से बीमार मुलायम जाग गया जोश: मिठाई बंटवाई और बोले- 80 साल में सभी 80 सीट पर करेंगे प्रचार
कहा जाता है कि चुनावों में हार-जीत से राजनेता ना तो अति उत्साहित होते हैं और न ही ज्यादा मायूस मगर गोरखपुर और फूलपुर उप चुनावों में समाजवादी पार्टी को मिली जीत से सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की रगों में नई उत्तेजना पैदा कर गया। 79 साल के मुलायम सिंह यादव को जब पार्टी सांसदों ने दोनों सीटों पर सपा उम्मीदवार के जीत की खबर उन्हें दी तो मुलायम सिंह रोमांचित हो उठे। उन्होंने तुरंत वहां मौजूद सांसद से मिठाई मंगवाई और लोगों में बंटवाया। मुलायम इतने खुश थे कि उन्होंने ऐलान कर दिया कि वो 2019 के लोकसभा चुनावों में यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे। बता दें कि पार्टी में कलह की वजह से मुलायम सिंह यादव ने 2017 के विधान सभा चुनाव में दो-तीन विधानसभा क्षेत्रों में ही चुनाव प्रचार किया था।
उप चुनाव में जीत के बाद लोकसभा में अब समाजवादी पार्टी के सांसदों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। 2014 के चुनावों में यह संख्या केवल पांच थी। बता दें कि गोरखपुर और फूलपुर में सपा के उम्मीदवारों को मायावती की पार्टी बसपा ने अपना समर्थन दिया था। इसके अलावा रालोद और निषाद ने भी सपा का समर्थन किया था। गोरखपुर से प्रवीण निषाद और फूलपुर से नागेंद्र पटेल की जीत हुई है। दोनों जगहों पर बीजेपी के प्रत्याशियों की सपा ने हराया है। ये दोनों बीजेपी की सीटिंग सीट थी। गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से जबकि फूलपुर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई थी।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में 25 साल बाद सपा और बसपा के बीच दोस्ती हुई थी। इससे पहले 1993 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और बसपा संस्थापक कांशीराम ने हाथ मिलाया था। तब बीजेपी को राज्यभर में मुंह की खानी पड़ी थी। उस वक्त इस गठबंधन की जीत हुई थी और मुलायम सिंह समझौते के तहत ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बने थे लेकिन ढाई साल से पहले ही मायावती की नजदीकियां बीजेपी से बढ़ गई थीं। इससे नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के गेस्टहाउस में मायावती के साथ अभद्रता की थी। तब से मायावती और मुलायम के बीच सियासी तलवारें खिंच गई थीं। 25 साल बाद बुआ-बबुआ की जोड़ी ने उसपर न सिर्फ पर्दा डाला बल्कि नई सियासी इबारत लिखने की शुरुआत की है।