गोरखालैंड आंदोलन: साढ़े तीन महीने पर पटरी पर लौटा जीवन, हड़ताल वापस

पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग में आज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस ले लिया गया जिससे साढ़े तीन महीने से बंद की मार झेल रहे क्षेत्र में आज जाकर जनजीवन पटरी पर लौटा है। पहाड़ की रानी के नाम से लोकप्रिय यह शहर आंदोलन को फिलहाल रोके जाने की खबर फैलते ही मानो फिर से जीवंत हो गया। सभी वर्गों के लोग सड़कों पर निकल आए और दार्जिलिंग में जनजीवन के सामान्य होने की खुशियां मनाने लगे। आज सुबह से सभी दुकानें और बाजार फिर से खुल गए। जीजेएम ने पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर 15 जून को शुरू हुए इस आंदोलन को कल रात रोक दिया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की गई अपील के जवाब में आज सुबह छह बजे यह हड़ताल खत्म की गई।

एक बयान में, गृह मंत्री ने कल कहा था कि किसी भी समस्या को सुलझाने का एकमात्र रास्ता एक लोकतांत्रिक संवाद ही है और समाधानों को केवल कानूनी सीमा में रहकर किए गए परस्पर और संयमित संवाद के जरिए ही ढूंढा जा सकता है। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव से एक अधिकारी-स्तरीय बैठक बुलाने को भी कहा जहां सभी संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। पहाड़ी क्षेत्र की कई पार्टियों ने यहां के लोगों को दुर्गा पूजा की बधाईयां दी और कई गैर सरकारी संगठनों ने मिठाईयां एवं चॉकलेटों का वितरण किया।

बसों और अन्य वाहनों ने यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाया और सामान्य सेवाएं शुरू हो गईं। यात्रा संचालकों और होटल के मालिकों ने उम्मीद जताई कि पर्यटन व्यापार भी बहुत जल्द यहां वापस लौटेगा। अज्ञात जगह से जारी किए गए एक ऑडियो क्लिप में पिछले महीने से फरार जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग ने पहाड़ी क्षेत्र के निवासियों से यातायात सेवा शुरू करने, दुकानें, स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोलने की अपील की। संदेश में उन्होंने लोगों को इस उत्सवी मौसम की बधाई भी दी। गुरुंग के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *