गोवा में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, कांग्रेस बोली- राज्य में संवैधानिक संकट, बाहर हैं सीएम और दो मंत्री
गोवा में विपक्षी कांग्रेस ने सोमवार को मांग की कि राज्य में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अनुपस्थिति के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। पर्रिकर इलाज के लिए वर्तमान में अमेरिका में हैं।गोवा कांग्रेस प्रवक्ता रमाकांत खलप ने कहा कि राज्य एक ‘‘संवैधानिक संकट’’ का सामना कर रहा है और उन्होंने राष्ट्रपति शासन की अपनी पार्टी की मांग को लेकर दबाव डालने के लिए राज्यपाल मृदुला सिन्हा से समय मांगा है। उन्होंने कहा कि पर्रिकर अपने स्वास्थ्य कारणों से राज्य से ‘‘लगातार अनुपस्थित’’ हैं और उन्होंने अपना प्रभार किसी को सौंपा भी नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि इसके साथ ही गोवा के ऊर्जा मंत्री पांडुरंग मडकाईकर और शहरी विकास मंत्री फ्रांसिस डिसूजा भी बीमार हैं।
खलप ने कहा कि इसकी कोई समयसीमा नहीं है कि मुख्यमंत्री और ये मंत्री कब तक राज्य वापस आएंगे। उन्होंने कहा कि ‘‘ऐसे समय में राज्यपाल मृदुला सिन्हा को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए जब राज्य संवैधानिक संकट का सामना कर रहा है।’’ र्पिरकर ने इस वर्ष मार्च से जून के बीच अग्नाशय संबंधी अपनी समस्या के लिए अमेरिका में इलाज कराया था। वह 10 अगस्त को फिर से अमेरिका गए थे और 22 अगस्त को वापस आये थे। यद्यपि अगले दिन वह मुम्बई के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए थे।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि र्पिरकर चिकित्सकों की सलाह पर गत गुरूवार को अमेरिका गए हैं और उनके आठ सितम्बर को स्वदेश वापस आने की उम्मीद है।
डिसूजा भी पिछले महीने इलाज के लिए अमेरिका गए थे जबकि मडकाईकर मस्तिष्काघात के बाद गत पांच जून से अस्पताल में भर्ती हैं। खलप ने आरोप लगाया कि र्पिरकर और दो अन्य मंत्रियों ने राज्य के प्रति कर्तव्य निर्वहन को लेकर ली गई अपनी शपथ का उल्लंघन किया है।