घटते कद से परेशान होकर आशुतोष और आशीष ने छोड़ी आप? अरविंद केजरीवाल के ट्वि‍टर अकाउंट दे रहा ये संकेत

आम आदमी पार्टी के अंदरखाने में वर्चस्व को लेकर चल रही जंग में नयी बातें सामने आ रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल के ट्विटर अकाउंट की स्कैनिंग से पता चलता है कि आशुतोष और आशीष खेतान के इस्तीफे से काफी पहले ही आप बॉस की इनसे दूरियां बढ़ चुकी थीं। ट्विटर पर बेहद सक्रिय केजरीवाल ने आशुतोष और आशीष खेतान के ट्वीट को रीट्वीट कर बंद कर दिया था। केजरीवाल के ट्विटर अकाउंट पर पिछले दो महीने की गतिविधियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इतनी लंबी अवधि में भी केजरीवाल ने आशुतोष के दो और आशीष खेतान के मात्र तीन ट्वीट को रीट्वीट किया था। ये दोनों नेता अरविंद केजरीवाल के कभी जितने विश्वास पात्र हुआ करते थे उस हिसाब से ये संख्या काफी कम है।

ट्विटर पर केजरीवाल पर एक करोड़ चालीस लाख फॉलोअर्स हैं, वे भारत में ट्विटर पर पीएम मोदी के बाद दूसरे सबसे ज्यादा फॉलो किये जाने वाले नेता हैं। केजरीवाल अपने समर्थकों तक पहुंचने के लिए और अपने मन की बात कहने के लिए ट्विटर का जोरदार तरीके से इस्तेमाल करते हैं। केजरीवाल ने इस पीरियड में अपने दो विश्वासपात्र सेनापतियों को ट्विटर पर तवज्जो नहीं दी, ये इस बात का संकेत है कि इनके बीच खाई काफी चौड़ी हो चुकी थी। 18 जून से लेकर 15 अगस्त के बीच केजरीवाल ने अपने पार्टी सदस्यों के 108 ट्वीट को रिट्वीट किया, इसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के ट्वीट भी शामिल हैं। केजरीवाल ने पत्रकारों के 80 ट्वीट को रिट्वीट किया, जबकि दूसरी पार्टी के नेताओं के 11 ट्वीट को रिट्वीट किया। इसमें केजरीवाल के ट्वीट और कभी-कभार किये गये रिट्वीट शामिल नहीं हैं।

केजरीवाल के ट्वीटर अकाउंट के विश्लेषण से पता चला है कि उन्होंने मनीष सिसोदिया के ट्वीट को 31 बार रिट्वीट किया जबकि दिल्ली आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के ट्वीट को 19 बार रिट्वीट किया। माना जाता है कि केजरीवाल अपना ट्विटर अकाउंट खुद देखते हैं। बता दें कि आशुतोष ने 15 अगस्त को इस्तीफा दिया था, जबकि आशीष खेतान ने 22 अगस्त को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने इनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि जब केजरीवाल की कुमार विश्वास से दूरी बढ़ी थी तो उस समय भी उन्होंने उनके ट्वीट को रिट्वीट करना बंद कर दिया था।

बता दें कि जब आशुतोष ने इस्तीफे की घोषणा की तो इस पर केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा था, “हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार कर सकते हैं सर? इस जन्म में तो नहीं. सर हम सभी लोग आपको प्यार करते हैं।” आशुतोष ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ज्वाइन किया था। उन्होंने चांदनी चौक से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा पर हार गये। इस बार माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी चांदनी चौक से पंकज गुप्ता को चुनाव लड़वाने वाली था। आप आलाकमान द्वारा इस फैसले के बाद आशुतोष से पार्टी की दूरियां बढ़ती गई। आशीष खेतान की नाराजगी की वजह भी 2019 के चुनाव हैं। माना जा रहा है कि आप नयी दिल्ली सीट से इस बार उनको नहीं उतारना चाहती है। इस सीट से आशीष खेतान पिछली बार चुनाव लड़े थे और हार गये थे।

बता दें कि जब आप की ओर से दिल्ली से तीन लोगों को राज्यसभा भेजने का वक्त आया उस वक्त भी अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के विश्वासपात्रों की बजाय दिल्ली के बिजनेसमैन सुशील गुप्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट एन डी गुप्ता को तरजीह दी थी। माना जा रहा है कि इस फैसले से आशुतोष, आशीष और कुमार विश्वास तीनों ही खफा थे।

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