चंद्रबाबू नायडू ने दुबई से पार्टी सांंसदों को कहा- संसद में करते रहें विरोध-प्रदर्शन, तभी राज्य का हो सकता है भला
आम बजट में आंध्र प्रदेश के लिए विशेष प्रावधान न होने पर भाजपा और राजग के घटक दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के बीच आई कड़वाहट के जल्द दूर होने के आसार नहीं हैं। पार्टी प्रमुख और आंध्र के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दुबई से पार्टी सांसदों को संसद में विरोध जारी रखने को कहा है। ‘एनडीटीवी’ के अनुसार, नायडू बुधवार (7 फरवरी) को टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिये पार्टी सांसदों से रूबरू हुए थे। उन्होंने पार्टी नेताओं को केंद्र पर तब तक दबाव बनाने को कहा है जब तक आंध्र प्रदेश के लिए ठोस घोषणा न की जाए। सीएम नायडू ने तेदेपा सांसदों से कहा, ‘हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।’ बता दें कि 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान तेदेपा सांसदों ने लोकसभा में जबर्दस्त विरोध किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारी शोर-शराबे में अपना संबोधन देना पड़ा था।
तेदेपा और जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा में गुरुवार (8 फरवरी) को भी प्रश्नकाल के दौरान विरोध-प्रदर्शन किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही को थोड़ी देर के लिए स्थगित करना पड़ा। बाद में संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार और केंद्रीय मंत्री और तेदेपा नेता वाईएस चौधरी ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की मांग कर रहे सदस्यों को शांत कराने का प्रयास किया। जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य पोस्टर के साथ अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के समीप इकठ्ठा हो गए और आंध्र प्रदेश के लिए ‘न्याय’ की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली जब जवाब देने आए तो अनंत कुमार ने सदस्यों से विरोध प्रदर्शन रोकने का आग्रह किया। तेदेपा के वाईएस चौधरी ने प्रदर्शनकारी सदस्यों से सरकार को थोड़ा समय देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘अगर 15 दिनों में मुद्दे का समाधान नहीं होता है तो हम इस पर विशेष चर्चा करेंगे।’ तेदेपा सदस्यों ने हालांकि अपना विरोध जारी रखा। जैसे ही बहस शुरू हुई, दोनों दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप अकर खड़े हो गए, लेकिन उन्होंने नारेबाजी नहीं की।