चंद्र प्रदोष व्रत 2018 पूजा मुहूर्त: भगवान शिव की आराधना से मिलता है पुण्य, जानें किस समय पूजा करना रहेगा शुभ

हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने से दो गायों के दान जितना पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन व्रत करने वाले श्रद्धालु के घर और परिवार पर हमेशा भगवान की कृपा बनी रहती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत करने वाला आरोग्य रहता है। प्रदोष व्रत की महत्वता सप्ताह के दिनों के अनुसार मानी जाती है। गुरु प्रदोष व्रत शत्रुओं के विनाश के लिए किया जाता है। शुक्रवार के दिन का प्रदोष व्रत सौभाग्य और पति-पत्नी के रिश्ते को सुखी बनाने के लिए किया जाता है। शनिवार के दिन का व्रत संतान की इच्छा पूरी करने के लिए किया जाता है।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस व्रत को स्त्रियों के लिए फलदायक माना जाता है। इस व्रत को पूरा प्रदोष काल में किया जाता है। सूरज डूबने के बाद और रात होने से पहले पहर को सांयकाल कहा जाता है और इसे ही प्रदोष काल कहा जाता है। प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता है। इस माह भगवान शिव की उपासना 29 जनवरी 2018 को की जाएगी। इस दिन श्रद्धालु निर्जला व्रत करते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा में शिव की उपासना से पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है।

प्रदोष व्रत का समय सूरज के डूबने के बाद 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। इसी काल को प्रदोश काल कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस अवधि के बीच भगवान शिव कैलास पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं। इस दिन व्रत करने वालों की भगवान शिव मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शिव की आराधना करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए ही कहा जाता है कि हर कोई आसान विधि को अपनाकर उन्हें प्रसन्न कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *