चारा घोटाला फैसला: लालू यादव की 2400 पेज की फाइल पर साइन करते-करते खत्म हो गए जज के 4 पेन
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार को साढ़े तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने सजा की अवधि पर बहस पूरी होने के बाद उन्हें सजा सुनाई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर इस मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने पिछले साल 23 दिसंबर को इस घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था। लालू यादव को सजा सुनाने वाले सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह को 2400 पन्नों के फाइल पर हस्ताक्षर करना पड़ा। ये जानकर आपको हैरानी होगी कि इतने लंबे चौड़े दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने में ही जज साहब को 4 पेन की स्याही खत्म करनी पड़ी। जज शिवपाल सिंह ने चारा घोटाले से जुड़े 2400 पन्नों की फाइल का गहन अध्ययन कर 24 पेज का आखिरी फैसला तैयार किया है।
बता दें कि देवघर ट्रेजरी से 89 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाले जाने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल चीफ लालू प्रसाद यादव सहित 16 आरोपी को दोषी करार दिया गया हैं। कोर्ट ने उन्हें 23 दिसंबर को दोषी पाया था। इसके बाद लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है। अदालत में 3 जनवरी से मामले के दोषियों को सजा सुनाये जाने पर बहस चल रही थी। आखिरकार शनिवार (6 दिसंबर) को अदालत ने इस मामले में सजा सुनाई। शनिवार को ही अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में तत्कालीन पीएसी चेयरमैन जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद और 20 लाख रूपये का जुर्माना। पूर्व मंत्री आर के राणा को साढ़े तीन साल की कैद और दस लाख रूपये का जुर्माना। बाकी तीन पूर्व आईएएस अधिकारियों महेश प्रसाद, फूल चंद और बेक जुलियस प्रत्येक को साढ़े तीन साल की कैद और पांच लाख रूपये का जुर्माना सुनाया।
अदालत ने सजा की घोषणा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की और सभी अभियुक्तों को बिरसामुंडा जेल में ही वीडियो लिंक से अदालत के सामने पेश कर सजा सुनायी गयी। इससे पूर्व आज दिन में दो बजे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं राजद के दूसरे नेता आर के राणा एवं अन्य सभी आरोपियों की पेशी सजा सुनने के लिए जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करने के निर्देश दिये थे। अपने आदेश के लिए अदालत ने शाम चार बजे का समय निर्धारित किया था। अदालत ने सजा के बिंदु पर कल लालू के वकीलों की बहस सुनी जिसमें उन्होंने बार बार उनकी लगभग सत्तर वर्ष की उम्र होने और बीमार होने की दुहाई दी थी।अदालत ने एक-एक कर बाद में अन्य शेष सात अभियुक्तों की भी सजा के बिन्दु पर उनकी उपस्थिति में बहस सुनी थी।