चार दशक कांग्रेस में, 2014 में बीजेपी में आए, छोड़ने की धमकी भी दी, अमित शाह ने बनाया अध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी ने रविवार (13 मई) को कन्ना लक्ष्मीनारायण को आंध्र प्रदेश का नया अध्यक्ष बना दिया। ये घोषणा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने की है। लक्ष्मीनारायण के नाम का प्रस्ताव भी शाह ने ही किया था। कन्ना लक्ष्मीनारायण विशाखापटनम से सांसद के. हरिबाबू की जगह ये स्थान ग्रहण करेंगे। कन्ना लक्ष्मीनारायण के नाम की घोषणा बेहद चौंकाने वाली थी। क्योंकि लक्ष्मीनारायण ने अप्रैल में घोषणा की थी कि वह पार्टी छोड़ देंगे और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो जाएंगे।

मनाकर लौटा लाए अमित शाह:  62 साल के कन्ना लक्ष्मीनारायण कापू समुदाय से आते हैं। इस समुदाय का आंध्र की राजनीति में गहरा असर पड़ता है। लक्ष्मीनारायण को पहले ऐसे संकेत मिल रहे थे कि पार्टी उन्हें कोई महत्वपूर्ण ​दायित्व देने नहीं जा रही है। इसके बाद उन्होंने अपनी वफादारी बदलने का फैसला किया। यहां तक कि उन्होंने दूसरी पार्टी में शामिल होने की तारीखों का ऐलान भी कर दिया था। लेकिन बाद में खराब स्वास्थ्य के चलते उन्होंने अपने कार्यक्रम को रद कर दिया। हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने उन्हें कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने तक रुकने के लिए कहा था।

अासान नहीं है जिम्‍मेदारी: लक्ष्मीनारायण, आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से पांच बार विधायक रहे हैं। वह लगभग 40 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद 2014 के चुनावों के कुछ महीने बाद ही भाजपा में शामिल हो गए थे। कन्ना लक्ष्मीनारायण आंध्र प्रदेश की वाई एस राजशेखर रेड्डी, के रोसैया और किरन कुमार रेड्डी की सरकार में मंत्री रहने के साथ ही कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। उन्हें राज्य में बीजेपी की कमान बेहद मुश्किल वक्त में सौंपी गई है। राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगुदेशम पार्टी भाजपा नीत एनडीए से अलग हो चुकी है। उनकी मांग आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर थी। लेकिन इसके बाद भाजपा ने राज्य में भी उनसे समर्थन वापस ले लिया।

भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह के साथ भाजपा की सदस्‍यता ग्रहण करते कन्‍ना लक्ष्‍मी नारायण। फोटो- Facebook/ Kanna Lakshmi Narayna

शक्ति संतुलन साधकर सौंपी जिम्‍मेदारी: कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के फायरब्रांड नेता और एमएलसी सोमू वीराराजू अगले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हो सकते हैं। बता दें कि सोमू ने सरकार से अलग होने के मुद्दे पर तेलुगुदेशम पार्टी के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था। हालांकि अमित शाह ने शक्ति संतुलन को साधते हुए उन्हें राज्य में पार्टी के चुनाव प्रबंधन समिति का मुखिया बना दिया है। लक्ष्मीनारायण के कंधों पर 2019 में पार्टी के चुनाव प्रचार की भारी जिम्मेदारी है। उन्हें यह भी समझना होगा कि तेलुगुदेशम पार्टी इस बात को मुद्दा जरूर बनाएगी कि भाजपा ने ही उन्हें विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया है।

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