चार दशक बाद केंद्र ने लखवाड़ परियोजना पर किया करार, दिल्ली, हरियाणा समेत इन 6 राज्यों को होगा फायदा
चार दशक के लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को लखवाड़ बांध परियोजना को अमली जामा पहनाने को लेकर दिल्ली और हरियाणा सहित आधा दर्जन राज्यों ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में एक समझौता पत्र पर दस्तखत कर दिए। इस परियोजना से 2.67 लाख एकड़ फुट पानी का प्रबंधन संभव होगा और सभी राज्यों में पानी व बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव में बनने वाले इस बांध से 78 मिलियन क्यूसेक मीटर पानी उपलब्ध होगा। यमुना नदी पर चार बांध बनाने की दशकों से अटकी परियोजना को बाहर निकालने में केंद्रीय मंत्री गडकरी की अहम भूमिका बताई जा रही है।
लखवाड़ बांध परियोजना से संबंधित समझौते पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर, राजस्थान की वसुंधरा राजे सिंधिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दस्तखत किए। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि लखवार बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण से यमुना की जल भंडारण क्षमता में 65 फीसद की वृद्धि होगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस परियोजना से हरियाणा को 47.82 फीसद पानी मिलेगा। इस पानी से दक्षिणी हरियाणा में कृषि क्षेत्र को सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा।
अधिकारियों ने बताया कि करीब 4000 करोड़ रुपए की इस परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिस पर केवल उत्तराखंड का अधिकार होगा, जबकि इससे मिलने वाला पानी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान के बीच बंट जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि परियोजना में तकनीकी अड़चनों को दूर करते हुए प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। परियोजना में 1884 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल होगा जिसमें 467 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की है। परियोजना से छह राज्यों में 33,780 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी, जबकि 78 मिलियन क्यूसेक मीटर पानी घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। साढ़े चार साल में पूरी होने वाली इस परियोजना में 2578 करोड़ रुपए जल घटक और 1388 करोड़ रुपए बिजली उत्पादन घटक पर खर्च किए जाएंगे। निर्माण की जिम्मेदारी उत्तराखंड जल विद्युत निगम उठाएगा।