चार साल के मोदी राज में कुल 2920 दंगे, 389 मौत! केंद्रीय मंत्री का दावा निकला झूठा!

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए एक हफ्ते पहले (2 जुलाई को) कहा था कि चार साल के मोदी राज में कोई बड़ा साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि मोदी सरकार ने चार सालों में बिना भेदभाव किए सबका विकास किया है लेकिन उनके दावों की पोल केंद्र सरकार के ही गृह मंत्रालय ने खोल दी है। ‘फैक्ट चेकर डॉट इन’ ने गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से लिखा है कि मोदी सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल में तीन बड़े दंगे हुए हैं। इनमें से पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले का बदुरिया-बशीरहाट दंगा (2017), पश्चिम बंगाल के ही हाजीनगर का दंगा (2016) और उत्तर प्रदेश का सहारनपुर दंगा (2014) शामिल है। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में कोई बड़ा साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ है।

बता दें कि बड़ी साम्प्रदायिक हिंसा की स्थिति तब होती है, जब पांच से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है या 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं। हिंसा में एक शख्स की मौत या 10 लोगों तक जख्मी होने पर उसे उल्लेखनीय तौर पर दर्ज किया जाता है। 7 फरवरी 2017 और 6 फरवरी, 2018 को लोकसभा में गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल में साल 2017 तक कुल 2920 दंगे हुए हैं। इनमें 389 लोगों की मौत हुई है जबकि 8890 लोग घायल हुए हैं। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में इन चार वर्षों के दौरान सबसे ज्यादा 645 हिंसा की वारदात रिकॉर्ड की गई है जबकि कर्नाटक में 379, महाराष्ट्र में हिंसा के 316 मामले दर्ज हुए हैं। इन साम्प्रदायिक हिंसा में सबसे ज्यादा मृतकों की संख्या के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल रहा है। यहां साल 2014 से 2017 के बीच साम्प्रदायिक दंगों में कुल 121 लोगों की मौत हुई है जबकि बीजेपी शासित राज्य राजस्थान में 36 और कर्नाटक में 35 लोगों की जान गई है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 25 जुलाई 2014 को दंगे भड़के थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन दंगों में तीन लोगों की जान चली गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। साल 2017 में भी सहारनपुर में दंगे भड़के थे। इसमें दो लोगों की मौत हुई थी जबकि कई लोग जख्मी हुए थे। यूपी के मुजफ्फरनगर में भी दंगे भड़क चुके हैं। वहां पिछले साल सात सितंबर, 2017 को दंगे भड़के थे। अगले साल हरियाणा के बल्लभगढ़ में भी 25 मई 2015 को दंगे भड़के थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से 2016 के बीच कुल 2885 दंगे हुए हैं। इनमें से साल 2014 में 1227, साल 2015 में 789 और साल 2016 में 869 दंगे हुए हैं।

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