चीन ने उड़ाई डिजिटल इंडिया की खिल्ली, बोला-आसान नहीं है चाइना टेक्नोलॉजी कॉपी करना

चीन अक्सर अपने अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत पर निशाना साधता है। ग्लोबल टाइम्स चीन का मुखपत्र माना जाता है। इस पर चीन ने भारत के डिजिटल इंडिया मुहिम की खिल्ली उड़ाई है। कहा है कि चाइना की तकनीक को बिना इसके मूल के बारे में सोचे-समझे सिर्फ कॉपी कर तकनीक की दुनिया में शक्ति बनना इतना आसान नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने भारत के इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट पर भी एतराज जताया है। कहा है कि रिपोर्ट में चीन के और उसके बाजार के बारे में गलत अंदाजा लगाया गया है।

ग्लोबल टाइम्स ने India can’t copy China’s technology success without understanding its origins शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि -अमेरिका के मुकाबले तकनीक और इनोवेशन का पॉवर बनकर उभरने पर चीन की वैश्विक स्तर पर सराहना होती है। दुनिया के सभी देश सराहना करते हैं। पड़ोसी देश भारत भी चाइना की तकनीक को अपनाकर पॉवर बनने की कोशिश कर रहा है। मगर यह इतना आसान नहीं है, जितना भारत समझता है।
ग्लोबल टाइम्स ने भारत के इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट को भ्रामक करार दिया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है-यह सही है कि प्रौद्यौगिकी कंपनियों और उत्पादों ने देश के बड़े घरेलू मार्केट पर कब्जा किया है। इसमें वीसैट संदेश, डिजिटल भुगतान संगठन, माइक्रोब्लॉगिंग साइट शामिल हैं। मगर यह किसी भी तरह के संरक्षणवाद के समान नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन डिजिटल संरक्षणवाद पर जोर दे रहा है। मगर ऐसा नहीं है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन की आर्थिक सफलता के पीछे औद्यौगिक सुधारों का हाथ है। अगर राष्ट्र औद्यौगिक संरक्षणवादी नीति अपनाता तो आज की सफलता की कल्पना करना भी मुश्किल होता।आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के मामले में तेजी से चीन उभर रहा है। प्रौद्यौगिकी परिवर्तनों की दुनिया में देश एकीकरण की समस्या से जूझ रहा है। यह कहना उचित है कि प्रोद्यौगिकी शक्ति के रूप में चीन के उभरने के पीछे इसकी टेक्नो कंपनियों, उनके वैश्विक साझेदारों के बीच आपसी सहयोग जिम्मेदार है। यहां तक कि अमेरिका की प्रतिस्पर्धा भी एक वजह है।

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