चीन में बोले डोनाल्ड ट्रंप- उत्तर कोरिया के साथ सभी देश रोकें व्यापार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को सभी देशों से आग्रह किया कि वे ‘हत्यारे उत्तर कोरियाई परमाणु शासन’ को न तो असलहा मुहैया कराएं, न उसका वित्तपोषण करें और उसके साथ व्यापार को रोक दें। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ग्रेट हॉल में संयुक्त कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों नेताओं ने उत्तर कोरियाई संकट को हल करने के लिए असफल तरीकों को नहीं दोहराने पर सहमति व्यक्त की है। ट्रंप चीन के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। चीन, उत्तर कोरिया का सहयोगी है और व्यापार में सबसे बड़ा साझेदार है। वाशिंगटन का मानना है कि नजदीकी संबंधों के कारण बीजिंग का प्योंगयांग पर अधिक प्रभाव है।

आधुनिक चीन के निर्माता कहे जाने वाले माओ त्से तुंग के एक पुत्र 1950 के दशक में अमेरिका के खिलाफ कोरिया में लड़ाई के दौरान मारे गए थे। ट्रंप ने कहा, “राष्ट्रपति शी और हमने उत्तर कोरिया के पूर्ण रूप से परमाणु निरस्त्रीकरण की हमारी परस्पर प्रतिबद्धता पर चर्चा की है।” उन्होंने कहा, “हम अतीत के अपने असफल प्रयासों को नहीं दोहराने के लिए सहमत हुए हैं। हम उत्तर कोरिया पर सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्तावों को पूरी तरह से लागू करने और आर्थिक दबाव को बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेंगे जब तक उत्तर कोरिया अपने लापरवाह और खतरनाक रास्ते का त्याग नहीं करता है।”

उन्होंने कहा, “सभी जिम्मेदार देशों को हत्यारे उत्तर कोरियाई परमाणु शासन को असलहा नहीं देना चाहिए, वित्तपोषण नहीं करना चाहिए और व्यापार को रोकने के लिए साथ हो जाना चाहिए।” चीन का कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र के बताए ढांचे के मुताबिक, उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए हर संभव कोशिश करेगा, लेकिन वह इस देश के खिलाफ एकपक्षीय प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। ट्रंप ने कहा, “जब तक हम दूसरों के साथ मिलकर खड़े रहेंगे, जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ जो हमारी सभ्यता के लिए खतरा बन चुके हैं, तो यह खतरा कभी हमारे सामने नहीं आएगा। इसे कभी पनपने का मौका नहीं मिलेगा।”

उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने सियोल में अपने संबोधन में कहा थी कि समूचे विश्व को उत्तर कोरिया की इस धमकी के खिलाफ इकठ्ठा हो जाना चाहिए और अब पूरा विश्व हमें देख रहा है।” ट्रंप ने कहा, “साथ मिलकर हम इतने सक्षम हैं कि इस क्षेत्र और विश्व के सबसे गंभीर परमाणु खतरे से निपट सकें। लेकिन, शांति को जीतने के लिए एक सामूहिक प्रयास, सामूहिक शक्ति और सामूहिक भाव की जरूरत है।” उत्तर कोरिया को डर है कि अमेरिका उसे दक्षिण कोरिया में मिलाना चाहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *