चुनाव आयोग ने बढ़ाई ‘आप’ के बीस विधायकों की धड़कन

त्योहारों के मौसम में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के उन 20 विधायकों की धड़कन बढ़ा दी हैं जिनकी सदस्यता पर लाभ के पद के मामले में तलवार लटक रही है। आयोग ने इन सभी विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और ताकीद की है कि वे आगामी 16 अक्तूबर तक अपना पक्ष स्पष्ट कर दें। आयोग ने विधायकों से अपने जवाब के पक्ष में शपथपत्र भी देने को कहा है। समझा जा रहा है कि आयोग के ताजा कदम से इन विधायकों की मुश्किलें एकदम से बढ़ गई हैं। चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में शामिल ‘आप’ के 20 विधायकों को 28 सितंबर 2016 को एक नोटिस भेजा। यह नोटिस दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा आयोग में दाखिल किए गए जवाब के आलोक में जारी किया और इसी आधार पर जवाब देने की मांग की। मुख्य सचिव ने आयोग द्वारा पूछे जाने पर अपने लिखित जवाब में यह स्पष्ट किया था कि जीएडी की ओर से इन विधायकों को बतौर संसदीय सचिव कुछ खास-खास सुविधाएं दी गई थीं।

आयोग के विधि विभाग के निदेशक विजय पांडेय द्वारा जारी नोटिस में विधायकों से यही बताने को कहा गया है कि उन्हें दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव द्वारा दिए गए जवाब के बारे में यदि कुछ कहना हो तो शपथ पत्र के साथ 16 अक्तूबर तक आयोग को बता दें।आयोग के नोटिस में साफ लिखा है कि इस पूरे मामले की अलग-अलग तारीखों पर सुनवाई करने के बाद आयोग अपना यह फैसला सुना चुका है कि ये सभी 20 विधायक 13 मार्च, 2015 से 8 सितंबर, 2016 तक संसदीय सचिव के तौर पर लाभ के पद पर थे। मुख्य सचिव ने भी कहा कि सरकार की ओर से इन विधायकों को सुविधाएं दी गर्इं। इस नोटिस की भाषा ये स्पष्ट है कि आयोग ने इन विधायकों को एक प्रकार से एक आखिरी मौका दिया है। नोटिस में विधायकों से अपने जवाब की पांच-पांच प्रति जमा कराने को कहा है। इसमें से एक प्रति इन विधायकों के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील प्रशांत पटेल को भी देने को कहा गया है।

 

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