चुनाव से पहले कर्नाटक में विधायकों का दल-बदल तेज, जेडीएस के दो MLA बीजेपी में शामिल, कांग्रेस विधायक भी कतार में
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव करीब आते ही विधायकों और नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला तेज हो गया है। राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। जेडीएस के सात विधायक पहले से ही राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के साथ हैं। विधानसभा का सत्र खत्म होने के बाद वे सभी कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। इस बीच, बड़ी तादाद में कांग्रेस विधायकों के भाजपा में आने की चर्चा गरम है। वहीं, भाजपा विधायकों द्वारा भी पाला बदलकर कांग्रेस में जाने की बात कही जा रही है। सिद्धारमैया कैबिनेट के एक मंत्री और उनके विधायक बेटे के भी बीजेपी में जाने की चर्चा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने कांग्रेस के कई विधायकों के पार्टी में आने की बात कही थी। इसके बाद कांग्रेस के राज्य प्रमुख जी. परमेश्वर ने भी भाजपा के कई नेताओं द्वारा दल बदलने के लिए तैयार होने की बात कही थी।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के पांच से छह विधायक भाजपा में आने को तैयार हैं। इसको लेकर अंतिम दौर की बातचीत भी हो चुकी है। आने वाले दो-तीन सप्ताह में सभी विधायकों के भाजपा में शामिल होने की उम्मीद जताई गई है। इनमें से दो तो बेंगलुरु सिटी के ही हैं। ‘न्यूज 18’ के अनुसार कांग्रेस विधायक, रियल एस्टेट टायकून व कर्नाटक के आवास मंत्री एम. कृष्णप्पा और उनके बेटे प्रिय कृष्णा भी पाला बदल कर भाजपा में जा सकते हैं। कृष्णप्पा को वोक्कालिगा समुदाय का प्रभावी नेता माना जाता है। प्रिय कृष्णा दो बार विधायक रह चुके हैं। बताया जाता है कि दोनों के प्रभाव को देखते हुए भाजपा उन्हें अपनी ओर लाने में जुटी है। प्रिय कृष्णा ने भाजपा नेता के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा, ‘इसके पीछे भाजपा के कुछ नेता हैं। हमलोग भाजपा में क्यों जाएंगे? मेरे पिता कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। मैं दो बार से विधायक हूं। हमलोग भाजपा में नहीं जा रहे हैं।’
भाजपा की नजर कर्नाटक के मंत्री और प्रभावी लिंगायत नेता ईश्वर खंडारे पर भी टिकी है। वह बीदर जिले से आते हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी डॉक्टर एबी मलकारड्डी, मलिकय्या गुटेदार और बाबुराव चिननसुर के भी संपर्क में है। कांग्रेस के तीनों वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये तीनों उनके बेटे प्रियांक खड़गे को सिद्धारमैया कैबिनेट में मंत्री बनाने का विरोध कर रहे हैं।