चेक बाउंस होने पर मिला 26 करोड़ का मुआवजा, छह को जेल

मजिस्ट्रेट अदालत ने एक रियल एस्टेट के छह सहयोगियों को चेक बाउंस मामले में एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा और शिकायतकर्ता को 26 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। उल्हासनगर प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आर डी चौगले ने सात प्रतिवादियों को आदेश दिया कि हर प्रतिवादी शिकायतकर्ता को 3,73,21,500 रुपए दे। कल्याण स्थित माधव कंस्ट्रक्शन कंपनी के गोपी माधवदास रोचलाणी ने अपनी शिकायत में बताया था कि प्रतिवादी ने 15 मई 2006 को 60 एकड़ जमीन पर निर्माण की अनुमति के लिए 85 करोड़ रुपए में एक समझौता किया था।

शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने 8.5 करोड़ रुपए का भुगतान किया था लेकिन बाद में प्रतिवादी ने समझौता रद्द कर दिया और भूमि के मुनाफे, क्षतिपूर्ति एवं बढ़ती लागत के साथ राशि वापस करने की बात कही थी। 2008 अगस्त और अक्टूबर में दिए कुल 16.50 करोड़ रुपए की कीमत के दो चेक बाउंस हो गए जिसके बाद रोचलाणी ने अदालत का रुख किया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि मियादी जमा पर राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा दिए जाने वाले ब्याज की दर को ध्यान में रखते हुए 26,12,50,500 रुपए का मुआवजा दिया जाना उचित होगा।

15 जनवरी को दिए आदेश में उन्होंने कहा कि सात आरोपियों (कंपनी विनायक एंटरप्राइजेज और उसके छह सहयोगी) में से प्रत्येक 3,73,21,500 रुपए का भुगतान करने को उत्तरदायी है।

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