छत्तीसगढ़: शव ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिली, कांवड़ बनाकर लाश ले गए घरवाले

आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ से दुखद खबर आ रही है। यहां बीजापुर जिले के मर्कापाल में एक वृद्ध महिला की मौत के बाद उसके परिजनों को वाहन नहीं मिल सका। इसी वजह से उसके परिजनों को उसे उल्टी खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ा। बरसाती नदी को पार करने के बाद भी करीब 8 किमी पैदल चलकर महिला का शव अपने गांव पहुंच पाया। महिला जिस गांव से संबंध रखती थी, उसी गांव के रहने वाले महेश गागड़ा छत्तीसगढ़ सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मर्कापाल की रहने वाली आदिवासी रचना मरकाम को टाइफाइड था। उसे इलाज के लिए पहले भैरमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया था। वहां पर तबियत बिगड़ती देखकर परिजन उसे इलाज के लिए झाड़-फूंक करने वाले सिरहा-गुनिया के पास ले गए। वहीं पर इलाज के दौरान रचना मरकाम की मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक मृत्यु शुक्रवार (24 अगस्त) को हो गई थी।

मौत के बाद परिजनों को महिला का शव ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला। इस कारण परिजन उल्टी खाट पर शव को रखकर डोली की तरह बांधकर ले गए। उनके गांव के रास्ते में इंद्रावती नदी भी पड़ती है। बरसात के कारण इंद्रावती नदी का पाट करीब 350 मीटर से ज्यादा चौड़ा है। इस नदी को पतली डोंगी के सहारे पार करने के बाद भी करीब 4 किमी पैदल चलकर परिजन उसे गांव ले गए। जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मीडिया से बातचीत में भैरमगढ़ के ब्लॉक मेडिकल आॅफिसर अभय प्रताप तोमर ने कहा, महिला की मौत की कोई जानकारी उन्हें नहीं दी गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान मौत होने पर विशेष स्थिति में एंबुलेंस के जरिए शव को घर तक पहुंचाने की सुविधा दी जाती है। रचना मरकाम के परिजनों ने मौत की जानकारी नहीं दी। जबकि मना करने पर भी वह उसे अस्पताल से झाड़-फूंक के लिए ले गए थे।

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