छत्‍तीसगढ़: राज्‍यपाल बलरामजी दास टंडन का निधन, तबियत खराब होने पर कराए गए थे अस्‍पताल में भर्ती

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी टंडन का निधन हो गया है। बलरामजी टंडन को तबीयत खराब होने पर सोमवार को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया। बलरामजी टंडन 90 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि बलरामजी टंडन को सोमवार सुबह नाश्ता करते वक्त दिल का दौरा पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बलरामजी टंडन के निधन के वक्त उनके परिजन भी अस्पताल में मौजूद थे। बलरामजी टंडन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

बलरामजी दास टंडन साल 1951 से 1957 तक पंजाब जनसंघ के सचिव और 1995 से लेकर 1997 तक पंजाब भाजपा के अध्यक्ष रह चुके थे। जब 1969-70 में पंजाब में अकाली दल-जनसंघ के गठबंधन वाली सरकार बनी तो बलरामजी दास टंडन उस सरकार में उप-मुख्यमंत्री चुने गए थे। वहीं 1977-79 और 1997-2002 में पंजाब की प्रकाश सिंह बादल सरकार में बलरामजी दास टंडन कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। बलरामजी दास टंडन ने 18 जुलाई, 2014 को छत्तीसगढ़ में राज्यपाल पद की शपथ ली थी। गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मार्च 2018 में जारी राजपत्र के अनुसार, राज्यपालों के वेतन में वृद्धि की थी, जो कि 1 जनवरी, 2016 से देय थी। लेकिन बलरामजी टंडन ने बढ़ा हुआ वेतन लेने से इंकार कर दिया था और छत्तीसगढ़ के महालेखाकार को मई, 2018 में पत्र लिखकर पुराना वेतन, जो कि 1 लाख 10 हजार था, लेने की इच्छा जतायी थी। राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के इस फैसले की काफी तारीफ भी हुई थी।

बलरामजी दास टंडन पहली बार अमृतसर निगम से पार्षद चुने गए थे। बाद में वह अमृतसर से 6 बार विधायक चुने गए। आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए। उनके बेटे संजय टंडन ने उनके जीवन से प्रेरित एक किताब ‘एक प्रेरक चरित्र’ भी लिखी है। बलरामजी दास टंडन दिल का दौरा पड़ने पर वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। इस दौरान डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनका इलाज कर रही थी। सुरक्षा के लिहाज से अस्पताल में भारी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *