जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस होते ही राहुल गांधी के घर हुई एक अहम बैठक, जानिए कौन-कौन हुए शामिल
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस जे. चेलामेश्वर द्वारा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली को लेकर सार्वजनिक तौर पर विरोध जताने से पूरा देश सकते में है। देश के न्याय जगत के अलावा राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। केंद्र सरकार में भी इसको लेकर व्यापक पैमाने पर विचार-विमर्श हुआ। देश की विपक्षी पार्टियां भी इससे अछूती नहीं रहीं। देश के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस में भी इसको लेकर गहमा-गहमी रही। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अप्रत्याशित घटना को परेशान करने वाला और अति-गंभीर बताया। उन्होंने जजों द्वरा उठाए गए मुद्दों को बेहद महत्वपूर्ण भी बताया था। राहुल ने शुक्रवार (12 जनवरी) को इस मसले को लेकर अपने आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। इसमें खासतौर पर वे नेता शामिल हुए, जिनका कानून के क्षेत्र में साख है।
राहुल के घर 10 जनपथ पर हुई बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने शिरकत की थी। वह कोलकाता में थे और शुक्रवार (12 जनवरी) शाम पांच बजे दिल्ली पहुंचे थे। देश की राजधानी पहुंचते ही वह बैठक में शामिल होने सीधे राहुल गांधी के आवास के लिए रवाना हो गए थे। पूर्व वित्त मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम और मनीष तिवारी भी बैठक में शामिल होने राहुल के आवास पर पहुंचे थे। इसके अलावा सलमान खुर्शीद भी वहां मौजूद थे। हालांकि, कांग्रेस नेता और प्रख्यात वकील अभिषेक मनु सिंघवी ‘टाटा बनाम साइरस मिस्त्री’ केस के सिलसिले में मुंबई में होने के कारण इस महत्वपूर्ण बैठक में शिरकत नहीं कर सके थे। पूर्व कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली विधानसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक में कैंप किए हुए हैं। ऐसे में वह भी नहीं आ सके। यूपीए सरकार के एक और कानून मंत्री अश्वनी कुमार भी राहुल द्वारा बुलाए गए बैठक में नहीं दिखे।
दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट जजों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को तलब किया था। इसके अलावा अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल ने मीडिया को संबोधित किया था और सरकार के रुख को स्पष्ट करने की कोशिश की थी। जजों के ऐतिहासिक कदम के बाद प्रत्येक राजनीतिक दल की गतिविधियां अचानक से बढ़ गई थीं।