जज लोया की मौत की जांच SIT से कराने की याचिका खारिज, भाई बोले- कुछ कहना बेकार है

दिवंगत न्यायाधीश बी.एच. लोया के भाई श्रीनिवास लोया ने गुरुवार को न्यायाधीश लोया की मौत की जांच एसआईटी से कराए जाने की याचिका खारिज करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि ‘यह व्यर्थ है’। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के लातूर में रहने वाले श्रीनिवास लोया ने कहा, “हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है.. जो कुछ हो गया, वह हो गया। अब हम क्या कर सकते हैं?” उन्होंने कहा, “जब सर्वोच्च न्यायालय ने प्रशांत भूषण जैसे बड़े वकील पर ध्यान नहीं दिया तो उनके सामने हमारी हैसियत क्या है..हम काफी छोटे लोग हैं।”

श्रीनिवास लोया ने कहा, “सबसे अच्छा रहेगा कि हम इस मामले में अब कुछ नहीं बोले। यह हमारी कैसे मदद करेगा? हम आगे कुछ नहीं कर सकते.. यह व्यर्थ है।” सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है और न्यायाधीश लोया की मौत प्राकृतिक तरीके से हुई थी। न्यायाधीश लोया हाईप्रोफाइल माने जाने वाले कथित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जस्टिस लोया की बहन अनुराधा ने भी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जो विश्वास था वो भी अब नहीं है। चार साल से किसी ने बोलने जैसा रखा ही नहीं है।

बता दें कि जस्टिस लोया गुजरात के चर्चित शोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में उनकी मौत हो गई थी। उनके मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था। लोया की मौत की परिस्थितियों पर उनकी बहन अनुराधा ने सवाल उठाया था और उसकी स्वतंत्र जांच की मांग की थी। उन्होंने कारवां पत्रिका को बताया था कि ऐसी कई वजहें हैं जिनसे उन्हें उनके भाई की मौत से जुड़ी परिस्थितियों पर संदेह है।

 

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