जब अटल जी ने संसद में प्रणब दा से कहा था- आपका ही बच्चा है, साथ दीजिए

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देशभर में लोक की लहर है। राजनीतिक जगत से लेकर अन्य क्षेत्र की मशहूर हस्तियां उन्हें अनोखे ढंग से याद कर श्रद्धांजलि दे रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिखे संस्मरण में बताया है कि वैचारिक विरोधी रहे वाजपेयी जी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरु किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखा था और भरोसा दिलाया था कि देश की अर्थव्यवस्था 6 फीसदी की वार्षिक दर से आगे बढ़ती रहेगी। बता दें कि राव और मनमोहन ने देश में आर्थिक उदारीकरण और सुधार की कोशिशें 1991 में शुरू की थीं।

प्रणब दा ने एक वाकये को याद करते हुए लिखा है कि वो नरसिम्हा राव सरकार में वाणिज्य मंत्री थे। 1995 में उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के साथ एक समझौता किया था। उस समझौते के तहत भारत को पेटेन्ट एक्ट में एक संशोधन करना था लेकिन बीजेपी और वाम दलों के विरोध की वजह से राज्यसभा में वह संशोधन बिल पास नहीं हो सका। दोबारा उस बिल को संसद में लाया गया लेकिन निर्धारित पांच साल की अवधि में पास नहीं कराया जा सका। नतीजतन डब्ल्यूटीओ ने भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। इस बीच केंद्र में सत्ता परिवर्तन हो गया और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बन गई। मुरासोली मारन वाजपेयी सरकार में वाणिज्य मंत्री बनाए गए।

वाजपेयी सरकार ने उसी संशोधन बिल को संसद में फिर से पेश किया। प्रणब दा ने लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने राज्यसभा में नेता विपक्ष मनमोहन सिंह से बिल पास कराने में सहयोग की अपील की और मुझसे मजाकिया लहजे में कहा, “प्रणब दा यह आप ही का बच्चा है, आप क्यों नहीं समर्थन दे रहे?” इसके बाद प्रणब मुखर्जी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस बावत बात की। सोनिया गांधी ने उन्हें बिल के बारे में पार्टी के नेताओं को बताने को कहा। प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में दो घंटे तक लोगों को समझाया था साफ किया था कि मौजूदा बिल में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने बताया कि जैसा उन्होंने ड्राफ्ट किया था, बिल हू-ब-हू वैसा ही है। सिर्फ साल का अंतर है और वाणिज्य मंत्री का नाम बदला गया है। प्रणब के समझाने पर कांग्रेस ने राज्यसभा में बिल को समर्थन किया था फिर यह बिल पारित हो गया। बिल पारित होने पर वाजपेयी जी ने प्रणब दा को धन्यवाद दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *