जब अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी से कहा – “तुम दिल्ली छोड़ दो”
साल 1995 में गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला, जिसके बाद शंकर सिंह वाघेला और नरेंद्र मोदी को दरकिनार कर केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। साथ ही नरेंद्र मोदी को पार्टी के काम से दिल्ली बुला लिया गया था। साल 1998 के मध्यावधि चुनाव में भी मोदी की हिस्सेदारी नहीं रही और वह दिल्ली में बरकरार रहे। केशुभाई पटेल सीएम बने। इसी बीच 2001 में गुजरात में आए भूकंप और उसके बाद राज्य सरकार के हालात संभालने में नाकामी की वजह से केशुभाई पटेल को इस्तीफा देना पड़ा।
इस दौरान नरेंद्र मोदी दिल्ली में ही मौजूद थे। अक्टूबर 2001 में उनके पास प्रधानमंत्री आवास से फोन आया और तुरंत मिलने का निर्देश दिया गया। उस समय एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। मोदी हैरान-परेशान प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। कहा जाता है कि मोदी जैसे ही अटल बिहारी वाजपेयी से मुखातिब हुए वैसे ही अटल बोले – तुम दिल्ली छोड़ दो और यहां से जाओ। मोदी चौंक गए। उन्होंने पूछा – कहां? तो अटल बोले – गुजरात जाओ। बाद में पता चला कि अटल बिहारी वाजपेयी मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाकर गुजरात भेजना चाहते हैं।
इस मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बनने के लिए गुजरात की ओर रवाना हो गए और फिर 2002, 2007 और 2014 तक वह इस पद पर बरकरार रहे। हालांकि, इसी बीच 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद वाजपेयी मोदी से काफी नाराज भी हुए और उन्हें राजधर्म का पालन करने की नसीहत दी थी।