…जब किसान से भोजपुरी में बात करने लगे केंद्रीय मंत्री अहलूवालिया

केन्द्रीय राज्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एसएस अहलूवालिया अपनी जिंदादिली और लोगों से जुड़ने की खूबी के कारण बखूबी पहचाने जाते हैं। अहलूवालिया का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है। वह लोकसभा के अलावा राज्यसभा के भी सांसद रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ताओं से नेताओं के संवाद के लिए ‘सहयोग’ कार्यक्रम शुरु किया गया है। इसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की पहल पर शुरू किया गया था। कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता सप्ताह में दिन बांटकर कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनते हैं।

(गुरुवार 24 मई) को अहलूवालिया भाजपा के दिल्ली मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे। इसी दौरान बिहार से कुछ किसान उनसे मिलने के लिए आए। किसानों को उन्हें अपनी बात समझाने में मुश्किल हो रही थी क्योंकि वह सिर्फ भोजपुरी ही बोलना जानते थे। उसे चौंकाते हुए एसएस अहलूवालिया ने किसान से फर्राटेदार भोजपुरी में बात करना शुरू कर दिया। उन्हें बेहद कुशलता के साथ भोजपुरी बोलते देखकर लोग दंग रह गए। जब किसान ने अहलूवालिया से पूछा कि उन्होंने इतनी बढ़िया भोजपुरी बोलना किससे सीखा है? इस पर अहलूवालिया ने जवाब दिया,”मैं अपनी मातृभाषा को नहीं भूला हूं। मेरा परिवार बिहार के बेगूसराय जिले का रहने वाला है।” अहलूवालिया बहुभाषी हैं। वह हिंदी के अलावा बंगाली और पंजाबी भी बोल लेते हैं।

एसएस अहलूवालिया का पूरा नाम सुरेन्द्रजीत सिंह अहलूवालिया है। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले में 4 जुलाई 1951 को हुआ था। इस वक्त वह पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट से चुनकर संसद में आए हैं। इससे पहले वह बिहार और झारखंड से चुनकर राज्यसभा में आए थे। वह 1986-1992, 1992-1998, 2000–2006, and 2006-2012 के बीच लगातार सांसद चुने जाते रहे हैं। अहलूवालिया कांग्रेस से मोहभंग होने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। सबसे पहले वह साल 1986 में बिहार से सांसद चुने गए थे। हाल ही में बिहार के बेगूसराय में दलित के घर खाना खाने गए अहलूवालिया विवादों में आ गए थे। दरअसल ये दावा किया गया कि जो खाना उन्होंने खाया था वह बाहर से बनकर आया था। अहलूवालिया ने इस पर सफाई दी थी कि एक अकेली महिला कैसे 200-300 लोगों का खाना बना सकती है।

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