जब केंद्रीय मंत्री ने कबूला, बेहद गंदा है पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी

वाराणसी में पर्यटन की संभावनाएं तलाशने आए केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फोंस बनारस में साफ-सफाई के स्तर से बेहद खिन्न नजर आए। केन्द्रीय राज्यमंत्री गंगा में गिरते नाले के पानी, अतिक्रमण और जाम से इतने नाराज दिखे कि उन्होंने पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी को ‘बेहद गंदा’ शहर करार दे दिया। शहर के नगर आयुक्त को निशाने पर लेते हुए केजे अल्फोंस ने बेबाकी से कहा कि ‘आपका शहर बेहद गंदा है, सड़क के बीच में गाड़ियां खड़ी हैं, अतिक्रमण और जाम है। ऐसे में भला कोई क्यों वाराणसी आना चाहेगा?’

वाराणसी के सर्किट हाउस में मंगलवार को पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ बैठक करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि सर्वाधिक पर्यटकों वाले मार्ग नई सड़क पर बीच रास्ते तक गाड़ियां खड़ी होती हैं, पूरा इलाका जाम है। अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आप चाहें तो इसे 2 दिन में ठीक कर सकते हैं। केजे अल्फोंस ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश के सबसे गंदे कहे जाने वाले शहर सबसे साफ शहर की श्रेणी में आ सकते हैं तो फिर वाराणसी क्यों नहीं? केरल और दिल्ली का उदाहरण देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने नाराज होते हुए पूछा कि हजारों करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी आपका शहर समस्या मुक्त नहीं हो पा रहा है। अगर ऐसे ही रहा तो यहां कोई नहीं आएगा!

केजे अल्फोंस ने गंगा में गिरती गंदगी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था पर सवाल उठाया। नगर आयुक्त को सुनाते हुए उन्होंने कहा कि चाहे जो हो गंगा में एक बूंद भी गंदा पानी नहीं गिरना चाहिए। इस मुलाकात में केन्द्रीय मंत्री ने अभी तक किए गए कामों की भी जानकारी ली और शहर में पर्यटन बढ़ाने के लिए सुझाव भी मांगे। केजे अल्फोंस ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि दफ्तर छोड़िए और फील्ड में जाइए, तभी वाराणसी को बेहतर बना पाएंगे। जब केजे अल्फोंस ने स्थानीय विधायक से शहर की खराब स्थिति पर सवाल किया तो विधायक ने अफसरों के बीच समन्वय की कमी की बात कही। बता दें कि हर साल करीब 65 लाख पर्यटक वाराणसी घूमने आते हैं। केन्द्र सरकार भी वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इसी के तहत केन्द्रीय मंत्री वाराणसी पहुंचे थे।

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