जब जज ने बताई पत्नी के साथ चाईनीज डिनर की बात तो बोले कपिल सिब्बल- मुझे आपसे ईर्ष्या होती है

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की आधार योजना के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार से बुधवार (7 फरवरी, 2018) सवाल पूछा। कोर्ट ने पूछा कि सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्र, एक पहचान रखने में क्या गलत है। दरअसल पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने आधार योजना और इसको कानूनी जामा पहनाने वाले 2016 के कानून का विरोध किया था। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि भारतीयता का किसी खास तरह की पहचान से कोई लेना-देना नहीं है। राज्य सरकार ने आधार योजना का कुछ खास आधार पर विरोध किया था। उसने कहा था कि यह एक राष्ट्र, एक पहचान की ओर ले जाएगा। पीठ ने कहा, ‘हां, हम सब इस देश के नागरिक हैं और भारतीयता का इस तरह की पहचान से कोई लेना-देना नहीं है।’ पीठ में न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल थे। न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि किस बात पर उन्होंने एक राष्ट्र, एक पहचान की अवधारणा के बारे में सोचा।

सिब्बल ने कहा, ‘हम सब गर्व से भारतीय और भाव प्रवणता से भारतीय हैं, लेकिन आधार में सबकुछ गलत है। भारतीयता का पहचान से कोई लेना-देना नहीं है। हम इस बहस में इसलिए पड़ रहे हैं क्योंकि यह कानूनी की बजाए राजनैतिक अधिक है। हम इस आधार से कहीं अधिक हैं। बस।’ वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी दलीलों को जारी रखते हुए आधार अधिनियम को पढ़ा। उन्होंने कहा कि यह विकल्प के संबंध में गलत तरीके से ड्राफ्ट किया गया कानून है क्योंकि आधार के अतिरिक्त किसी व्यक्ति की पहचान की प्रामाणिकता की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार अधिनियम किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए अन्य विकल्पों की कोई गुंजाइश की बात नहीं करता है। उन्होंने कहा कि बैंक कहते हैं कि वे कोई अन्य सूचना या कार्ड नहीं चाहते हैं और सिर्फ आधार संख्या मांगते हैं।

बहस के दौरान न्यायधीश एके सीकरी और वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल के बीच कुछ अन्य बातें भी हुईं। इस दौरान सीकरी ने अपने सहयोगी डीवाई चंद्रचूड़ से जुड़ा एक वाक्या बताया। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चंद्रचूड़ पत्नी के साथ एक चाईनीज रेस्टोरेंट में पहुंचे। जहां उन्होंने वेटर से पूछा कि क्या उनके यहां वहीं डिश है जो उन्होंने करीब पांच महीने पहले ऑर्डर की थी। उन्होंने वेटर से कहा कि वह डिश बहुत स्वादिष्ट है इसलिए दोबारा उसी का ऑर्डर देना चाहते हैं। हांलाकि उन्हें डिश का नाम नहीं पता था। इसपर वेटर महीनों पुराना वही बिल ले आया जिसमें उसका भुगतान किया गया। इस दौरान एके सीकरी के बराबर में बैठे डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘तब मैं बहुत डर गया था।’ जिसपर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘मुझे आपसे ईर्ष्या होती है, क्योंकि लंबे समय से मैं अपनी पत्नी को चाईनीज डिनर पर नहीं ले जा पा रहा हूं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *