जब यूएई के प्रिंस ने जय सिया राम से शुरू किया था भाषण, देखें VIDEO

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चार देशों के दौरे की शुरुआत करते हुए शुक्रवार (9 फरवरी, 2010) को जॉर्डन पहुंचे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह फिलिस्तीन और खाड़ी क्षेत्र के देश यूएई व ओमान भी जाएंगे। प्रधानमंत्री नौ से 12 फरवरी तक विदेश दौरे पर रहेंगे। उनका यह दौरा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत आने के एक महीने के भीतर हो रहा है। नई दिल्ली की ओर से फिलिस्तीन के पक्ष में अपने पुराने रुख जाहिर करने के बावजूद नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे को रणनीतिक साझेदार के तौर पर पेश किया। पिछले 30 साल में जॉर्डन का दौरा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि अम्मान में जॉर्डन के प्रधानमंत्री (हानी अल मुल्की) ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के चार देशों के इस दौरे के दौरान “हमारा लक्ष्य खाड़ी और पश्चिम एशिया क्षेत्र में हमारे बहुआयामी संबंधों को मजबूती प्रदान करना होगा।”

अम्मान पहुंचकर मोदी जॉर्डन के किग अब्दुल्लाह द्वितीय से मिले जो उन्हें शनिवार को आगे फिलिस्तीन जाने के लिए उनके मार्ग को सुगम बनाएंगे। मोदी जब जॉर्डन की राजधानी अम्मान से हेलिकॉप्टर से फिलिस्तीन की असली राजधानी रमल्लाह पहुंचेंगे तो वह फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। वहां राष्ट्रपति महमूद अब्बास उनका स्वागत करेंगे। मोदी के आगमन के पूर्व फिलिस्तीन के राष्ट्रपति की ओर से एक बयान में प्रधानमंत्री के इस दौरे को ‘ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण’ बताया गया है।

नई दिल्ली से उड़ान भरने के पहले मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति अब्बास के साथ अपनी बातचीत करने और फिलिस्तीनियों के लिए अपना समर्थन दोहराने को लेकर उत्सुक हैं। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास के साथ यह मोदी की चौथी मुलाकात होगी। इससे पहले 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के समय और उसी साल बाद में पेरिस में जलवायु सम्मेलन के समय और पिछले साल अब्बास के भारत दौरे के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री का दौरा आरंभ होने से पूर्व विदेश मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव (पश्चिम एशिया व उत्तरी अफ्रीका) बी. बाला भास्कर ने भारत ने फिलिस्तीन को ढांचागत विकास, क्षमता निर्माण और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में भरपूर मदद की है। इसके अलावा, इस यात्रा के दौरान स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, युवा मामले, खेल व कृषि के क्षेत्र में सहयोग समेत द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की जाएगी।

मोदी वहां भारत के घनिष्ठ मित्र और फिलिस्तीनी लिब्रेशन ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख रहे यासर अराफात के स्मारक पर फूलमाला भी अर्पित करेंगे। अराफात 2004 में अपनी मृत्यु र्पयत फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के प्रमुख रहे। भारत ने 1988 में फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से येरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में एकतरफा मान्यता देने के मसले पर भारत ने दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में विपक्ष में मतदान किया था। फिलिस्तीन के दौरे के बाद मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी जाएंगे, जहां भारी तादाद में प्रवासी भारतीय रहते हैं। अगस्त 2015 के बाद मोदी अबू आधी का यह दूसरा दौरा कर रहे हैं।

मोदी अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई की सेना के डिप्टी कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल के साथ बातचीत करेंगे। जायेद 2017 के गणतंत्र दिवस समारोह में भारत के मुख्य अतिथि थे। ऐसे में जायेद अल का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो 17 सिंतबर, 2016 से 25 दिसंबर के बीच का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो हिंदू धर्मगुरु मोरारी बापू के संत्‍संग कार्यक्रम का है। तब सत्‍संग में हिस्‍सा लेने पहुंचे प्रिंस मोहम्‍मद बिन जायद अल नहयान ने मंच पर आते ही ‘जय सियाराम’ कहकर संबोधित किया तो काफी देर तक तालियां गूंजती रहीं। इस्‍लामिक देश में हिंदू कार्यक्रम में उमड़ी भारी भीड़ पर गर्व करते हुए प्रिंस ने सभी को धन्‍यवाद दिया। समारोह में उन्‍होंने कहा था, ”मोरारी बापू, मैं आपके जितना ज्ञानी नहीं हूं। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि यहां आकर हमारा सम्‍मान बढ़ाने के लिए धन्‍यवाद। संयुक्‍त अरब अमीरात सत्य, प्रेम और करुणा की धरती है। इसका सबसे बड़ा सबूत इतने बड़े धार्मिक गुरु का यहां कार्यक्रम आयोजित करना है। मैं यहां अरबी लोगों को देखकर बेहद खुश हूं। मैं इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने के लिए व्‍याकुल हूं। जय सियाराम।”

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