जम्मू-कश्मीर: अलगाववादियों की मोदी सरकार से मांग- बंद करो पैलट गन का इस्तेमाल

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में पैलट गन  के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि सरकार अगर जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करना चाहती है तो पहले जेल में बंद कश्मीरी युवाओं रिहा करे। बातचीत में कश्मीर नेतृत्व के साथ पाकिस्तान नेतृत्व को भी शामिल किया जाए। मामले में हुर्रियत लीडर सैयद अली शाह गिलानी के विश्वासपात्र देविंदर सिंह बहल ने कहा है, ‘हम सरकार को बताना चाहते हैं कि एक में दिन सत्तर साल पुराने मुद्दे को नहीं सुलझाया जा सकता है।’ बहल ने ये बात पुलवामा में मारे गए एक मिलिटेंट की शोकसभा में कही। इस साल जुलाई में एनआईए ने बहल को गिरफ्तार किया था। उनपर आतंकियों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के आरोप लगे थे। तब ये गिरफ्तारी बख्शी नगर से की गई थी

बता दें कि पुलवामा मिलिटेंट की शोकसभा का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में बहल कहते नजर आ रहे हैं, ‘मुझे शाह गिलानी ने भेजा है जो दुख की इस घड़ी में मिलिटेंट के परिवार के साथ खड़े हैं। कश्मीर के लोग इस परिवार के साथ हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि हम आपके साथ हैं और भविष्य में भी आपके साथ रहेंगे। हुर्रियत जो भी करेगी वो अपने लोगों के लिए ही करेगी।

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर शांति वार्ताकार बनाए गए दिनेश्वर शर्मा की भूमिका पर देविंदर सिंह बहल ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार शांति प्रकिया शुरू कर रही है। लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि सत्तर साल पुराने मुद्दों को सिर्फ एक दिन में हल नहीं किया जा सकता। हम भारत सरकार को बता देना चाहते हैं कि अगर आप कश्मीर मुद्दे पर उत्सुक हैं तो सबसे पहले आपको पैलट गन पर लगानी होगी।

इसके बाद जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद सभी युवा राजनीतिक कैदियों को रिहा करना होगा। श्रीनगर से सेना के बंकर भी हटाने होंगे। गांव और घाटी के हर इलाके से सरकार को सेना के बंकर हटाने होंगे।’ बहल ने आगे कहा कि इसके बाद बातचीत के लिए सरकार को कश्मीर और पाकिस्तान के नेतृत्व को भी शामिल करना होगा। क्योंकि जबकि जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर जबतक पाकिस्तान और कश्मीरी नेतृत्व शामिल नहीं होगा तब कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझ सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *