जम्मू कश्मीर: सैय्यद अली शाह गिलानी की खत्म हुई नजरबंदी, स्वागत में लगे पाकिस्तान समर्थक नारे
जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासीन मलिक को आज आजाद कर दिया है। बता दें कि तीनों अलगाववादी नेता अपने-अपने घरों में नजरबंद थे। लेकिन नजरबंदी समाप्त होने के बाद जब वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी हैदरपोरा इलाके में स्थित जामा मस्जिद पहुंचे तो वहां लोगों की भीड़ ने पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने शुरु कर दिए। बताया जा रहा है कि लोगों की भीड़ सैयद अली शाह गिलानी को अपने बीच पाकर काफी उत्तेजित हो गई और पाकिस्तान समर्थित नारेबाजी करने लगी। भीड़ में काफी संख्या में युवा लोग थे।
इतना ही नहीं यह नारेबाजी जल्द ही हिंसक हो गई और प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। इस पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़कर किसी तरह उपद्रवी भीड़ को नियंत्रित किया। बता दें कि सैयद अली शाह गिलानी हाल ही में 19 मार्च को तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन पद से मुक्त हुए हैं। वह इस पद पर पिछले 18 सालों से बने हुए थे और सेहत संबंधी परेशानियों के चलते उन्होंने पद से हटने का फैसला किया है। गिलानी के बाद हुर्रियत की कमान मुहम्मद अशरफ सहराई संभालेंगे। वहीं गिलानी साल 2010 से यानि पिछले 8 सालों से घर में नजरबंद चल रहे थे, सिर्फ पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान ही उन्हें नजरबंदी से थोड़ी राहत दी गई थी। वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारुख और जेकेएलएफ चेयरमैन यासीन मलिक भी पिछले काफी साल से नजरबंद रहे हैं। लेकिन ये दोनों नेता बीच-बीच में नजरबंदी से मुक्त होते रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने सैयद अली शाह गिलानी को इस शर्त पर आजाद किया है कि वह कोई घृणित भाषणबाजी नहीं करेंगे। भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के समर्थन में सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी नहीं करेंगे। जम्मू कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने अलगाववादी नेताओं को आजाद करने की घोषणा करते हुए कहा कि नेताओं की यह जिम्मेदारी होगी कि वह कानून व्यवस्था के लिए कोई परेशानी खड़ी नहीं करेंगे। लेकिन गिलानी और उनके समर्थकों ने नजरबंदी समाप्त होते ही सरकार के वादे की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की।