जयंत सिन्हा के खिलाफ रिटायर्ड ब्यूरोक्रैट्स ने खोला मोर्चा, केंद्र से की तुरंत बर्खास्तगी की मांग

केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के खिलाफ सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार (10 जुलाई) को उन्होंने केंद्र सरकार से सिन्हा तो तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। नौकरशाहों ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को चिट्ठी (ओपन लेटर) भी लिखकर भेजी। सेवानिवृत्त नौकरशाहों की ओर से यह मांग केंद्रीय मंत्री के उस कदम के बाद उठाई गई है, जिसमें उन्होंने पीट-पीटकर हत्या के एक मामले के आरोपियों को माला पहनाकर सम्मानित किया था।

केंद्र को लिखे ओपन लेटर में पूर्व नौकरशाहों ने देश में भड़क रही हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई। केंद्रीय मंत्री को लेकर उन्होंने कहा कि कानूनी नियम को खुलेआम चुनौती दी गई। आगे कहा गया, “हजारीबाग में हाल में जो हुआ, वह हैरान करने वाला था, क्योंकि उस तरह का कदम केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य ने उठाया था। उन्होंने आरोपियों को उस तरह सम्मानित किया, जैसे वह स्वतंत्रता संग्राम के नायक रहे हों। सोशल मीडिया पर उनकी ओर से इस पर आई सफाई भी कुछ खास न थी।”

ओपन लेटर पर वपल्ला बालचंद्रन, मीरा बोरवांकर और जूलियो रेबेरियो सरीखे पूर्व पुलिस अधिकारियों, नरेश्वर दयाल और आफताब सेठ जैसे पूर्व विदेश सेवा अधिकारियों, पूर्व आईएएस अधिकारी अभिजीत सेन गुप्ता और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर रवि वीरा गुप्ता के हस्ताक्षर थे। सरकार को बीते दो सालों में लिखा जाने वाला यह तीसरा ओपन लेटर था। जून 2017 में इससे पहले 65 पूर्व नौकरशाहों ने पीएम को धार्मिक अहसहिष्णुता को लेकर चिट्ठी लिखी थी।

क्या है पूरा मामला?: 29 जून 2017 को मांस कारोबारी असीमुद्दीन अंसारी की हत्या कर दी गई थी। कारण- लोगों को शक था कि वह अपनी कार में गोमांस लेकर जा रहे थे। रामगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र में तब भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इसके बाद 21 मार्च को 11 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। हाल ही में झारखंड हाईकोर्ट से इन दोषियों को जमानत मिल गई थी, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने खुशी जाहिर की थी।

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