जय शाह केस: गुजरात कोर्ट ने ‘द वायर’ की रिपोर्टर और संपादकों के खिलाफ जारी किया समन

जय शाह मामले में गुजरात की एक अदालत ने मंगलवार को द वायर के रिपोर्टर और संपादकों के खिलाफ समन जारी किया है। यह कार्रवाई भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे के उस मुकदमे पर की गई है, जिसमें उन्होंने न्यूज पोर्टल पर आपराधिक मानहानि का आरोप लगाया था। अदालत ने इस मामले में द वायर के सभी उत्तरदाताओं को 13 नवंबर के पहले हाजिर होने के लिए कहा है। आठ अक्टूबर को न्यूज पोर्टल पर जय शाह की कंपनी टेंपल एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड के मुनाफे से जुड़ी एक रिपोर्ट छपी थी। उसमें दावा किया गया था कि 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद एक साल में कंपनी का टर्नओवर कथित तौर पर 16 हजार गुणा बढ़ गया था।

आपराधिक मानहानि के इस मामले में सात लोग उत्तदाता हैं, जिसमें रिपोर्ट लिखने वाली पत्रकार रोहिणी सिंह, संस्थापक संपादकों में से सिद्धार्थ वर्दराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणु, प्रबंधकीय संपादक मोनोबीना गुप्ता, पब्लिक एडिटर पैमेला फिलिपोज और गैर लाभकारी संगठन द फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म के नाम शामिल हैं।

अदालत में जय शाह द्वारा पेश किए गए दो गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही उनके वकील एसवी राजू का उस पर तर्क सुना जा चुका है, जिन्होंने कहा था कि द वायर ने जल्दबाजी में रिपोर्ट छापी है, जिससे शिकायकर्ता को जवाब देने के लिए वक्त भी नहीं मिल पाया। उनके मुताबिक यह रिपोर्ट सच सामने के लिए नहीं बल्कि आगामी चुनाव में राजनीतिक मुद्दा तैयार करने के लिए छापी गई थी।

उन्होंने आगे बताया कि जय शाह ने इस बाबत न्यूज पोर्टल पर छपी रिपोर्ट के जरिए उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई किए जाने की उम्मीद जताई है। रिपोर्ट पूरी तरह से अपमानजनक, ओछी, गुमराह करने वाली और झूठ के सहारे बदनाम करने वाली है।

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