जय शाह के खिलाफ खबर लिखने वाली रोहिणी सिंह का BJP पर हमला, बोलीं- मैं डरने वालों में से नहीं
अंग्रेजी न्यूज़ पोर्टल ‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह द्वारा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी पर खबर लिखने के बाद से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। भाजपा ने रोहिणी सिंह की पत्रकारिता को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। रविवार को जैसे ही रोहिणी सिंह की स्टोरी ‘The Golden Touch of Jay Amit Shah’ प्रकाशित हुई वैसे ही राजनीतिक महकमे में हलचल बढ़ गई। जहां कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी से सफाई मांगी वहीं बीजेपी की तरफ से रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ये खबर छापने वाली ‘द वायर’ पर ही 100 करोड़ के मानहानि के मुकदमे का ऐलान कर दिया। सोशल मीडिया पर भी बीजेपी समर्थकों द्वारा द वायर की इस महिला पत्रकार रोहिणी सिंह को लेकर बिकाऊ से लेकर कांग्रेस का दलाल तक कहने की बातें लिखी जाने लगीं। अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर रोहिणी सिंह ने सोमवार को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है।
अंग्रेजी में लिखे अपने फेसबुक पोस्ट में रोहिणी ने लिखा है कि जिस तरह से मुझपर हमले किये जा रहे हैं ऐसा तो तब भी नहीं हुआ ता जब मैंने 2011 में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ स्टोरी की थी। रोहिणी सिंह ने इस बात का दावा भी किया है कि उन्हें बीजेपी के बड़े नेता ने बताया है कि उनके कॉल रिकॉर्ड किये जा रहे हैं। रोहिणी ने लिखा कि मैं एक पत्रकार हूं और पत्रकार का काम होता है सत्ता द्वारा किये जा रहे गलत कामों को जनता के सामने लाना, मैंने भी वही किया। रोहिणी ने आगे लिखा- मैं भले पत्रकारिता छोड़ दूं लेकिन अपने पेशे के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं कर सकती हूं।
I don’t want to write a sanctimonious status note on what other journalists should do. I can only speak for myself. My primary job is to speak truth to power. To question the government of the day. In 2011 when I wrote the story on Robert Vadra’s dealings with DLF, I don’t remember the sort of backlash that I see now. There were no ‘only whatsapp or FaceTime audio from now’ sort of messages from sources. No seeking to shift the location of meetings to cafes resembling dungeons! A person close to a senior BJP leader brags our call record details are with the party bosses. (Good for them, I say!;)) And of course the low level slander campaign online.
Intimidation and harassment are tools often used by powerful people to get journalists to toe the line. As someone famously once said and I paraphrase, news is something someone wants to suppress, everything else is advertising. I don’t know about others but I don’t wish to lose focus of that. I would rather quit journalism than do the sort of reportage that I see often around me.
Many of you have been extremely kind to me and are investing me with qualities I probably don’t have. I don’t do the sort of stories I do because I am ‘ brave’. I do them because that’s journalism and not bravery.