जरूशलम: अमेरिका के खिलाफ मोदी सरकार की वोटिंग पर भड़के स्वामी, कहा-भारत ने की बड़ी गलती
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा है कि जरूशलम मसले पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के खिलाफ वोटिंग कर के भारत ने बड़ी गलती की है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर अधिकतर लोगों ने स्वामी की इस टिप्पणी का समर्थन किया है। बता दें कि अमेरिका ने इसी महीने विभाजित शहर जरूशलेम को आधिकारिक तौर पर इजराइल की राजधानी घोषित किया था। गुरुवार को भारत भी उन 128 देशों में था, जिसने अमेरिका के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में वोट किया था। अमेरिका के फैसले को खारिज करते हुए सभी 128 देशों ने फिर से स्पष्ट किया कि जरूशलम के मसले पर आखिरी फैसला इजराइल और फिलिस्तीन के बीच बातचीत से होना चाहिए। इधर, स्वामी लंबे वक्त से इजराइल के समर्थक रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत ने अपने राष्ट्रीय हित के खिलाफ वोटिंग की है, क्योंकि कश्मीर के मुद्दे पर फिलिस्तीन ने भारत की कभी भी मदद नहीं की है। जबकि, इजराइल हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है।”
It is against India’s national interest to vote for the pro-Palestine Resolution in the UNGA. Palestine has never supported India on Kashmir question and Islamic terror attacks. Israel has stood with India always.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 21, 2017
West Jerusalem is UN recognised Israeli territory. Hence what is wrong if India’s Embassy is shifted to West Jerusalem?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 21, 2017
भाजपा सांसद ने आगे यह भी बताया, “पश्चिमी जरूशलम इजराइल का है, लिहाजा उसे अमेरिका के साथ कुछ भी गलत नहीं लगता, लिहाजा वहां दूतावास हो सकते हैं।”
India has made a huge mistake by not voting with US and Israel on US decision to choose West Jerusalem as location for its Embassy. At present UN holds holy city of Jews as partitioned. West Jerusalem is Israel’s. Hence Embassy can be there
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 22, 2017
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू ने इससे पहले जुलाई में अपनी इजरायल की यात्रा पर उल्लेखनीय दोस्ती को जन्म दिया था। टि्वटर पर इसी वजह से कई लोग कल संयुक्त राष्ट्र में भारत के वोट को तिरछी निगाहों से देख रहे हैं और उस पर सवाल कर रहे हैं।