जलेबी में रंग मिलाकर बेचता था, 22 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा

रंग डालकर जलेबी बनाने के मामले में एक दुकानदार को करीब 22 साल बाद कोर्ट ने सजा सुनाई है। दरअसल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमर सिंह वर्मा 26, दिसंबर 1995 को मोहम्मदी क्षेत्र में राम गोपाल की दुकान से जलेबी के नमूने लेकर गए थे। बाद में इसे लखनऊ की लैब में जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में जलेबी में सिंथेटिक रंग मिलाने की जानकारी सामने आई थी।

दरअसल सिंथेटिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसपर तुरंत कार्रवाई करते हुए विभाग ने न्यायिक मैजिस्ट्रेट कोर्ट में आरोपी दुकानदार के खिलाफ मामला दायर किया। कोर्ट में दुकानदार जलेबी में सिंथेटिक रंग मिलाने का दोषी पाया गया। इस दौरान मैजिस्टेट ने दुकानदार पर तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कहा गया कि अगर दुकानदार जुर्माना नहीं देता है तो 15 की सजा और बढ़ जाएगी।

कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया को दोषी को गिरफ्तार कर तुंरत जेल भेजा जाए। हालांकि खबर लिखे जाने तक कोर्ट के आदेश की कॉपी पुलिस को नहीं मिली है। मामले में पुलिस स्टेशन इंचार्ज डीके सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बारे में पता है लेकिन इसकी कॉपी नहीं मिली है। फैसले की कॉपी मिलते ही पुलिस तुंरत दोषी दुकानदार को गिरफ्तार कर लेगी।

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