जानिए कितना और कौन-कौन टैक्स लगकर दो गुणा हो जाता है पेट्रोल-डीजल का दाम
अगर आप दिल्ली में हैं तो गुरुवार 14 सितंबर की कीमतों के मुताबिक आप पेट्रोल लगभग 71 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में लगभग 80 रुपये प्रति लीटर खरीदते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल हो या डीजल आपके द्वारा चुकायी गई कीमत में कई किस्म के टैक्स शामिल रहते हैं। विदेशों से कच्चा तेल आयात करने में सरकार को प्रति लीटर लगभग 21 रुपये प्रति लीटर का खर्च पड़ता है। अब अगर आप दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए लगभग 71 रुपये चुका रहे हैं तो ये जानना जरूरी है कि बाकी पैसे सरकार आपसे किन किन मद में और क्यों ले रही है।
पेट्रोल
भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत बुधवार 13 सितंबर को 53.83 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। रुपये में इसकी कीमत 3443 रुपये 89 पैसे होती है। बता दें कि एक बैरल में 159 लीटर होता है। इस लिहाज से एक लीटर कच्चे तेल का मू्ल्य लगभग 21 रुपये 65 पैसे होता है। अब शुरू होती है कच्चे तेल की रिफाइनिंग। इस प्रक्रिया में प्रति लीटर लगभग 9 रुपये 34 पैसे का खर्च आता है। इस तरह से 14 सितंबर 2017 की कीमतों के आधार पर देखें तो रिफाइनिंग के बाद पेट्रोल की कीमत हो जाती है 30 रुपये 99 पैसे। इस कीमत पर डीलर्स सरकारी तेल कंपनियों से पेट्रोल खरीदते हैं। डीलरों को पेट्रोल की बिक्री पर लगभग प्रति लीटर 3 रुपये 24 पैसे का कमीशन मिलता है। इसके बाद केन्द्र सरकार इस पर प्रति लीटर 21 रुपये 48 पैसे का उत्पाद शुल्क लगाती है। इसके बाद अब राज्य सरकार इस कीमत पर वैट लगाती है। देश के 26 राज्यों में पेट्रोल पर वैट की दर लगभग 25 प्रतिशत है। मुंबई में वैट की दर सबसे ज्यादा 48.98 प्रतिशत है। इसलिए मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा मिलता है। लेकिन यहां हम दिल्ली की बात कर रहे हैं। दिल्ली में लगभग 27 फीसदी वैट राज्य सरकार लेती है। इस हिसाब से प्रति लीटर वैट की रकम लगभग 15 रुपये 04 पैसे पड़ती है। इसके बाद खुदरा बाजार में पेट्रोल की कीमतें लगभग 70 रुपये 75 पैसे प्रति लीटर हो जाती है। बता दें कि ये सभी गणना अनुमानित मूल्यों और अनुमानित कर दरों के आधार पर की गई है।
डीजल
अब डीजल की कीमतों के बारे में जानते हैं। इसके लिए हम 9 सितंबर की कीमतों को बेस प्राइस मानेंगे। एक लीटर कच्चे तेल के डीलर से 29 रुपये 98 पैसे लिये जाते हैं। इसके बाद इस डीलर को प्रति लीटर 2 रुपये 17 पैसे का कमीशन मिलता है। इसके बाद केन्द्र सरकार इस पर 17 रुपये 33 केन्द्रीय उत्पाद शुल्क लगाती है। यहां तक आकर एक लीटर डीजल की कीमत 49.48 रुपये पहुंच जाती है। अब इस रकम पर राज्य सरकार अपनी अपनी दरों के मुताबिक वैट लगाती है। देश में 15 राज्यों में 20 फीसदी से ज्यादा वैट लिया जाता है। आंध्र प्रदेश में वैट की दर सबसे ज्यादा 31.06 प्रतिशत है। दिल्ली में डीजल पर प्रति लीटर 8 रुपये 58 पैसे वैट लगाया जाता है। इसके बाद दिल्ली में डीजल की कीमत प्रति लीटर 58 रुपये 06 पैसे हो जाती है। इसी कीमत पर डीजल उपभोक्ताओं को मिलता है।