जानिए क्या है प्रेग्नेंसी में शारीरिक संबंध बनाने से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई!

प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का सबसे संवेदनशील वक्त होता है। ऐसे में बहुत से लोगों को लगता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाना सही नहीं है, लेकिन इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। दरअसल प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में गर्भवती महिला थकान,चिड़चिड़ापन और मिचली जैसी समस्याओं से परेशान होती है। ऐसे में संबंध बनाने की इच्छा नहीं होती, लेकिन दूसरी तिमाही से हालात सामान्य होने लगते हैं। इस दौरान उल्टियां आनी भी बंद हो जाती हैँ और बॉडी में लव हार्मोन्स भी बढ़ने लगते हैं। ऐसे में संबंध बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। प्रेग्नेंसी में संबंध बनाने को लेकर ऐसे बहुत से मिथक हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हैं लेकिन उनके सही होने का कोई ठोस आधार नहीं होता। आज हम ऐसे ही कुछ मिथकों की चर्चा करेंगे।

भ्रूण को नुकसान – बहुत से लोग मानते हैं कि गर्भावस्था में संबंध बनाने से भ्रूण को नुकसान पहुंचता है जबकि ऐसा नहीं होता। दरअसल प्रेग्नेंसी में वेजिना स्ट्रेच होकर थोड़ी बड़ी हो जाती है और इस वजह से गर्भाशय के बाहरी तरफ श्लेष्मा का भारी परत जम जाती है और इस वजह से गर्भाशय के अंदर भ्रूण सुरक्षित रहता है।

संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग – गर्भावस्था में संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग होने पर लोगों को यह गर्भपात का संकेत लगता है या फिर उन्हें लगता है कि भ्रूण को कुछ नुकसान पहुंचा है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता। गर्भाशय बहुत ही संवेदनशील होता है। ऐसे में थोड़ी सी ब्लीडिंग होना सामान्य है। हां, अगर ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

वेजाइनल इन्फेक्शन का खतरा – प्रेग्नेंसी में संबंध बनाने से वेजाइनल इंफेक्शन नहीं होता। अगर आपके पार्टनर को किसी तरह का यौन संचारित रोग नहीं है तो आपको इससे डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।

फायदेः प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से किसी तरह का नुकसान तो नहीं होता लेकिन फायदे जरूर होते हैं। प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा पेल्विक मसल्स में भी मजबूती आती है।

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