जानिए शशि कपूर के परिवार के बारे में, कौन-कौन हैं और क्या करते हैं
वेटरन एक्टर शशि कपूर का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 साल के थे। वह बॉलीवुड एक्टर पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे। उनका असली नाम बलबीर राज कपूर था। उन्होंने बतौर चाइल्ड एक्टर अपने भाई राज कपूर की फिल्म आवारा और आग में काम किया था। पृथ्वीराज कपूर की सलाह में उन्होंने गोडफ्रे कैंडल के थियेटर ग्रुप शेक्स्पिरियाना से जुड़ गए। इसी दौरान अलग-अलग देशों का दौरा करने के दौरान शशि को गोडफ्रे की बेटी ब्रिटिश एक्ट्रेस जेनिफर कैंडल से प्यार हो गया था। उन्होंने साल 1950 में शादी की तब वह मात्र 20 साल के थे। इन दोनों के तीन बच्चे हैं कुणाल कपूर, करण कपूर और संजना कपूर हैं।
शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने पूरे परिवार के बारे में काफी विस्तार से बताया। उनका कहना है कि उनके पिता ने साल 1978 में मुंबई में पृथ्वी थियेटर को अपने पिता पृथ्वीराज कपूर की याद में बनाया था। उन्होंने बताया कि शशि कपूर ने फिल्म जुनून का निर्माण किया था। इस दौरान उन्होंने छह-छह सिफ्ट में भी काम किया। इस वजह से मेरी मां जेनिफर ने थियेटर को पूरी तरह से देखना शुरू कर दिया था।
वहीं कुणाल ने 1984 में मां के निधन के बाद खुद इस थियेटर की देखभाल करना शुरू कर दिया था। कुणाल थियेटर की देखभाल करने के दौरान साल 1990 में काफी बिजी हो गए थे। इसके कुछ समय बाद उन्होंने अपनी बहन संजना कपूर को थियेटर की जिम्मेदारी दे दी। लेकिन शादी के बाद संजना ने दिल्ली सिफ्ट होने का मन बना लिया। वह खुद का कुछ शुरू करना चाहती थीं। संजना के सिफ्ट होने के बाद कुणाल साउथ मुंबई से जूहू सिफ्ट हो गए।
राज कपूर के पास आरके स्टूडियो था। उन्होंने शम्मी कपूर और शशि कपूर के लिए कई फिल्में बनाईं। रणबीर कपूर, करीना कपूर, करिश्मा कपूर सब फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिंग के क्षेत्र में हैं और काफी चर्चित हैं। कुणाल एड फिल्म्स बनाते हैं और उनके भाई करन कपूर फोटोग्राफर हैं। कुणाल के बेटे जहान एक असिस्टेंट डायरेक्टर हैं। उन्हें एक्टिंग और निर्देशन का शौक है। वहीं कुणाल की बेटी शाहिरा को प्रोडक्शन डिजाइनिंग का शौक है। उसने सोनल सावंत के साथ लक्ष्य में काम किया। वह बॉम्बे वेलवेट में भी काम कर चुकी हैं।
बता दें साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित भी किया था। उन्हें साल 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।