जासूस कर्नल की पत्नी ने कहा- दो पूर्व सेना प्रमुखों ने मुझे और मेरे पति को परेशान किया

पूर्व सेना प्रमुख और मौजूदा केंद्रीय मत्री जनरल वीके सिंह के द्वारा मुंबई हमलों के बाद बनाई गई विवादित खुफिया यूनिट के कमांडिग ऑफिसर कर्नल हनी बख्शी के खिलाफ खत्म की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही के बाद उनकी पत्नी ने दो पूर्व सेना प्रमुखों के खिलाफ उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है। हनी बख्शी की पत्नी अपर्णा बख्शी ने कहा है कि उनके पति ही नहीं, बल्कि उन्हें भी दो पूर्व सेना प्रमुखों ने परेशान किया। हालांकि उन्होंने सेना प्रमुखों के नाम नहीं बताए, लेकिन इतना कहा कि सब जानते हैं कि वे कौन हैं। मेल टुडे को दिए एक इंटरव्यू में अपर्णा बख्शी ने वर्तमान सेना प्रमुख को उनके पति के खिलाफ खत्म की गई मार्शल की कार्यवाही के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा- ”कहने की जरूरत नहीं है कि दो पूर्व प्रमुखों और एक पूर्व सैन्य कमांडर को अपने विवेक पर गौर करना चाहिए और यह विचार करना चाहिए कि उन्होंने न सिर्फ मेरे पति को परेशान किया, बल्कि मुझे भी परेशान करते थे। मैंने अपने पति पर हुए जुल्म के बारे में जब रक्षा मंत्री तो लिखा तो उन्होंने मुझे कोर्ट की जांच के लिए बुला लिया और पीठासीन अधिकारी ने मुझे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए धमकाया।”

अपर्णा ने कहा- ”मुझे अपने पति और उनके कामों पर गर्व है और इससे कुछ भी नहीं बदलेगा। लेकिन हां, मुझे लगता है कि उन्हें सताया गया।” अपर्णा एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जहां उनके पिता औप भाई सभी सेना के लिए काम करते हैं, वह कहती हैं कि यह उनके लिए एकदम नया अनुभव था जहां उन्हें उनके पति का बचाव करने पर सैन्य अधिकारियों के द्वारा धमकाया जा रहा था।

बता दें कि 26/11 से मुंबई हमले के बाद सेना की खुफिया इकाई (एमआई) के तहत जनरल वीके सिंह ने एक टेक्निकल सर्विसेज डिविजन (टीएसडी) स्थापित की थी। टेक्निकल सर्विसेज डिविजन सीधे तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को ही रिपोर्ट करती थी। कर्नल हनी बख्शी को इस यूनिट का कमांडिंग ऑफिसर बनाया गया था। कर्नल बख्शी के खिलाफ खुफिया जानकारियों का दुरुपयोग करने के आरोपों के तहत कार्रवाई चल रही थी। कर्नल बख्शी के खिलाफ टेक्निकल सर्विसेज डिविजन के फंड में वित्तीय गड़बड़ी करने के भी आरोप लगे थे। इस मामले में उनकी यूनिट का एक जवान जेल में 10 साल की सजा काट रहा है। सरकार ने बाद में इस खुफिया यूनिट को भंग कर दिया था।

कर्नल बख्शी के खिलाफ अंबाला में चल रहे कोर्ट मार्शल के केस में तकनीकी खामियों को देखते हुए उसे स्थगित कर दिया गया और इसी के साथ 5 वर्षों से चल रही कार्रवाई पूरी तरह से खत्म हो गई। इस केस में जनरल वीके सिंह भी आरोपों के घेरे में रहे थे।

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