जिस मुद्दे को छोड़कर नीतीश ने थामा मोदी का हाथ, उसी मुद्दे पर नायडू ने छोड़ दिया साथ
राजनीति में न तो गठबंधन स्थाई होते हैं और ना ही किसी खास पार्टी के लिए मुद्दे। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने नफा-नुकसान के सियासी गणित से गठजोड़ करते रहे हैं। इन दिनों विशेष राज्य के दर्जे पर एनडीए में रार छाया हुआ है। एनडीए के सहयोगी दल और आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी टीडीपी के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है और इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि टीडीपी एनडीए भी छोड़ सकती है। यानि बीजेपी और टीडीपी के बीच तलाक का मुद्दा विशेष राज्य का दर्जा बना है। ये अलग बात है कि इसी मुद्दे को छोड़कर जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब साल भर पहले नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ हो चुके हैं।
एक वक्त ऐसा था जब नीतीश कुमार की पार्टी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए मार्च 2013 में दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली आयोजित कर ना केवल शक्ति प्रदर्शन किया था बल्कि केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार को चेतावनी भी दी थी कि विशेष दर्जे की मांग से समझौता नहीं करेंगे। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले नीतीश ने यह भी कहा था कि जो भी पार्टी या गठबंधन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा जेडीयू उसके साथ रहेगी। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान ही नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया की चुनावी रैली में कहा था कि अगर उनकी केंद्र में सरकार बनती है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष आर्थिक पैकेज और राज्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। तब नीतीश ने मोदी का साथ नहीं दिया था क्योंकि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने एनडीए से गठबंधन तोड़ा था।
जब नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ वाले महागठबंधन से नाता तोड़ लिया तब उनकी पार्टी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी छोड़ दी। हालांकि, बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 1.65 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने का ऐलान किया था मगर आजतक बिहार को उसकी भी रकम नहीं मिल सकी है। इस बीच नीतीश सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी ने आंध्र प्रदेश के मुद्दे को देखते हुए फिर कहा है कि बिहार को भी विशेष दर्जा मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सीएम नीतीश पीएम मोदी के सामने यह मांग दोहराएंगे। बता दें कि सालभर पहले भी नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी।