जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम: जो दायरे में भी नहीं, उसने भी भरा रिटर्न! जानें क्यों हैरान है सरकार
जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत दाखिल किए रिटर्न ने सरकार को चौंका दिया है। दरअसल इस स्कीम के तहत पंजीकृत 5 लाख कंपनियों ने अपना सालाना टर्नओवर सिर्फ 5 लाख रुपए दर्शाया है। हैरान करने वाली बात ये है कि 20 लाख रुपए तक का सालाना टर्नओवर जीएसटी के दायरे में ही नहीं आता। वित्त सचिव हंसमुख अधिया ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘जब 20 लाख रुपए सालाना टर्नओवर वाली कंपनी जीएसटी दायरे में ही नहीं आती तो फिर 5 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों ने खुद को जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत ही क्यों कराया, जबकि इसकी जरूरत ही नहीं थी।’
बता दें कि 10 लाख कंपनियां जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 7 लाख कंपनियों ने तिमाही जीएसटी रिटर्न दाखिल की है। सरकार के अनुसार, इन 7 लाख कंपनियों में से 5 लाख कंपनियों ने अपना सालाना टर्नओवर 5 लाख या उससे भी कम दिखाया है। उल्लेखनीय बात ये है कि सरकार ने जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत कंपनियों के लिए टर्नओवर की सीमा 1 करोड़ तय की थी। इसे बाद में बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दिया गया, वहीं सरकार अब इसे बढ़ाकर 2 करोड़ करने पर विचार कर रही है। सरकार हैरान है कि जब इस स्कीम के तहत 1.5 करोड़ तक की सीमा तय की गई है तो फिर 5 लाख टर्नओवर वाली कंपनियों ने इस स्कीम के तहत पंजीकरण क्यों कराया ? बता दें कि जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत आने वाले कारोबारियों और उत्पादकों को 1 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होता है।