‘जीडीपी में गिरावट, कुपोषण, बेरोजगारी, दलित विरोधी रुख के कारण भारत में होंगे बड़े जनसंघर्ष’

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ 2019 का लोकसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने के लिए उनकी पार्टी सभी विपक्षी दलों से संपर्क करेगी। गैर भाजपा, गैर राजग दलों को मिलाकर भाजपा के खिलाफ संयुक्त चुनावी लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा, “हमें नेता नहीं नीति चाहिए। हम सभी राजनैतिक दलों से वैकल्पिक सामाजिक व आर्थिक नीतियों के आधार पर साथ आने के लिए कहेंगे।”

येचुरी चुनावी बॉन्ड पर वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने इन चुनावी बॉन्ड को प्रतिगामी कदम बताया और कहा कि यह धन शोधन को वैध बना देगा। माकपा नेता ने विधायक व दलित नेता जिग्नेश मेवानी को दिल्ली में मार्च निकालने की इजाजत नहीं देने के लिए दिल्ली पुलिस की निंदा की और कहा कि यह भाजपा सरकार के ‘गैर लोकतांत्रिक स्वरूप’ को दिखाता है।

उन्होंने कहा कि यह दलित विरोधी रुख है। माकपा नेता ने कहा कि जीडीपी में गिरावट, कुपोषण, बेरोजगारी के कारण आने वाले दिनों में और बड़े जनसंघर्ष होंगे। येचुरी ने कहा कि शासन व अर्थव्यवस्था को लेकर पैदा गुस्से को भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की तरफ मोड़ रही है।माकपा महासचिव ने सरकार की विदेश नीति का विरोध करते हुए कहा कि इसमें एक बड़ा बदलाव आया है और देश को ‘अमेरिका के वैश्विक रणनीतिक हितों के सहायक’ के रूप में देखा जाने लगा है। अमेरिका समर्थक यह नीति भारतीय हितों के प्रतिकूल है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा पर भी नाराजगी जताते हुए सीताराम येचुरी ने इसे दलित विरोधी मानसिकता का प्रहार बताया था। येचुरी ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रवाद की बात करने वाली बीजेपी के लिए दलितों की परिभाषा अलग रखी गई है। उन्होंने सवालिया लहजे में ट्वीट किया था, “क्या भाजपा दलितों को भारत का हिस्सा मानती है कि नहीं? या उन्हें भारतीय होने की परिभाषा से ही बाहर रखा गया है? केवल यहीं बात महाराष्ट्र हिंसा पर सरकार की चुप्पी को बता सकती है।

 

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