जेएनयू में भी बजा छात्र संघ चुनाव का बिगुल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव का बिगुल बज गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के चुनाव के साथ ही यहां छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मीडिया अध्ययन केंद्र से पीएचडी कर रहे भगत सिंह को सीईसी चुना गया है। भगत ने बताया कि अन्य चुनाव आयुक्तों से बैठक करने के बाद हम शनिवार शाम तक को चुनाव कार्यक्रम का एलान करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) मतदान से पहले 8 सितंबर को मतदान हो सकता है। डूसू के लिए मतदान 12 सितंबर को होगा। भगत मूल रूप से हरियाणा के हिसार से हैं और वहीं के आर्मी पब्लिक स्कूल से उनकी 12वीं तक की पढ़ाई हुई। इसके बाद उन्होंने रामजस कॉलेज से बीकॉम आॅनर्स किया। इसके बाद भगत ने जेएनयू से अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर, मीडिया अध्ययन केंद्र से एमफिल और अब वह इसी केंद्र से पीएचडी कर रहे हैं।

डीयू छात्र संघ और जेएनयू छात्र संघ के चुनाव बिल्कुल अलग-अलग हैं। डूसू चुनाव को डीयू प्रशासन कराता है जबकि जेएनयू छात्र संघ चुनाव की पूरी प्रक्रिया छात्र अपने स्तर पर खुद करते हैं। स्कूलों की सामान्य आम सभा में मतदान के माध्यम से एक छात्र को मुख्य चुनाव आयुक्त चुना जाता है। इसके अलावा एक अन्य आयुक्त को भी चुना जाता है। जेएनयू छात्र संघ चुनाव में विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई दखल नहीं होता है। जेएनयू परिसर जहां बंद है वहीं डीयू के दो परिसरों के अलावा बहुत सारे कॉलेज परिसर के बाहर मौजूद हैं।

 ऐसे में डीयू छात्र संघ चुनाव का प्रचार और उसका प्रभाव बाहर भी देखा जाता है। वहीं, जेएनयू छात्र संघ चुनाव का प्रचार परिसर के अंदर ही रहता है। इसका प्रभाव बाहर नहीं दिखाई देता। दोनों विश्वविद्यालयों के चुनाव में सबसे बड़ा अंतर यह है कि जेएनयू में मतदान से दो रात पहले अध्यक्ष पद के सभी उम्मीदवारों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तरह ‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ होती है। इस दौरान सभी उम्मीदवार अपने एजंडे को विद्यार्थियों के सामने रखते हैं। इस डिबेट को देखने के लिए बहुत सारे लोग जुटते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *