जेएनयू में 46 साल बाद आयोजित हुआ दूसरा दीक्षांत समारोह, 400 को मिली उपाधि, एक ने कुलपति से नहीं मिलाया हाथ
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 46 साल बाद आयोजित हुए दूसरे दीक्षांत समारोह में पीएचडी के 400 विद्यार्थियों को उपाधि मिली। समारोह में एक छात्र ने कुलपति एम. जगदीश कुमार से हाथ मिलने से इनकार कर दिया। हालांकि की छात्र ने समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर वीके सारस्वत से मिलाया। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआइएस) के पीएचडी के छात्र अनूप पटेल का नाम जब उपाधि लेने के लिए पुकारा गया तो वह मंच पर आए। इस दौरान कुलपति ने उनसे हाथ मिलने के लिए अपना हाथ आगे किया लेकिन अनूप ने हाथ हिलाते हुए कुलपति से हाथ मिलने से मना कर दिया। अनूप ने आरोप लगाया कि जब से प्रोफेसर एम जगदीश कुमार कुलपति बने हैं, तब से लेकर अब तक उन्होंने सिर्फ छात्र विरोधी फैसले ही लिए हैं। साथ ही जेएनयू प्रशासन आरक्षण प्रणाली भी खत्म कर रहा है, जो गलत है। अनूप ने भारत की आरक्षण प्रणाली और दक्षिण अफ्रीका में आरक्षण पर की गई सकारात्मक कार्रवाई विषय पर पीएचडी की है।
छात्र देश को आगे बढ़ाने में सहायता करें : डीके सारस्वत
जेएनयू ने बुधवार को अपने परिसर से बाहर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के सभागार में दूसरा दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। समारोह के मुख्य अतिथि जेएनयू के कुलाधिपति और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके सारस्वत थे। डॉक्टर सारस्वत ने अपने दीक्षांत संबोधन में विद्यार्थियों से अपील की कि वे समाज की सेवा करें और देश को आगे बढ़ाने में सहायता करें। जेएनयू के रेक्टर द्वितीय प्रोफेसर एससी गारकोटी के मुताबिक विद्यार्थी अपने परिजनों के साथ उपाधि लेने पहुंचे थे।
इस मौके पर जेएनयू कुलपति, सभी रेक्टर डीन और अध्यक्ष उपस्थित थे। उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों ने जेएनयू प्रशासन से अपील की कि इस प्रकार का दीक्षांत समारोह हर साल आयोजित किया जाए।