जेएनयू सहित 52 विवि को मिली स्वायत्तता, डीयू का एक भी कॉलेज शामिल नहीं
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) व नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू, दिल्ली) सहित देश के 52 विश्वविद्यालयों को स्वायत्त घोषित किया गया। इनके अलावा आठ महाविद्यालयों को भी स्वायत्तता दी गई है, हालांकि इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय का कोई कॉलेज नहीं है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। इसके अलावा गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरने वाले तीन डीम्ड विश्वविद्यालयों को यूजीसी ने कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
जावड़ेकर ने बताया कि जिन 52 विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता दी गई है उनमें पांच केंद्रीय विश्वविद्यालय, 21 राज्य विश्वविद्यालय, 24 डीम्ड विश्वविद्यालय और दो निजी विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा आठ महाविद्यालयों को भी स्वायत्तता दी गई है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जेएनयू के अलावा अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और द इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेस यूनिवर्सिटी (ईएफएलयू, हैदराबाद) शामिल हैं।
स्वायत्तता से क्या होगा बदलाव : जावड़ेकर ने बताया कि अब ये विश्वविद्यालय बिना यूजीसी की अनुमति के नए पाठ्यक्रम शुरू कर सकेंगे। इसके अलावा ये विश्वविद्यालय नए विभाग भी बिना यूजीसी की अनुमति के शुरू कर पाएंगे। पहले नया पाठ्यक्रम या विभाग शुरू करने के लिए पहले यूजीसी के पास आना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें इससे छूट मिल जाएगी। इसके अलावा ये विश्वविद्यालय ऑफ कैंपस भी शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्हें कौशल विकास के कितने भी पाठ्यक्रम शुरू करने की इजाजत होगी। वे विदेशी शिक्षकों को अपने यहां नियुक्त कर सकते हैं। अपनी मर्जी से कुछ शिक्षकों को अधिक वेतन भी दे सकेंगे। विदेशी छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं। दुनिया के किसी भी विश्वविद्यालय के साथ समझौता कर सकेंगे। ये विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा भी शुरू कर सकेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इन विश्वविद्यालयों में आरक्षण लागू रहेगा।
महाविद्यालय भी खुद शुरू कर सकेंगे पाठ्यक्रम : जावड़ेकर ने बताया कि जिन आठ महाविद्यालयों को स्वायत्तता दी गई है, वे खुद अपने पाठ्यक्रम तैयार कर पाएंगे। अपने विद्यार्थियों की परीक्षा खुद ले पाएंगे, मूल्यांकन भी अपने स्तर पर ही कर पाएंगे और उन्हें अंक पत्र दे सकेंगे। हालांकि उनके अंक पत्र पर महाविद्यालय के नाम के साथ विश्वविद्यालय का नाम भी अंकित होगा, जिससे वे महाविद्यालय संबद्ध हैं।
एचआरडी मंत्री ने बताया कि भारत सरकार अच्छे शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने के लिए अनेक निर्णय ले रही है। पहला, भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आइआइएम) को कानून बनाकर पूर्ण स्वायत्तता दी। इसका पूरी दुनिया ने स्वागत किया। दूसरा, दस सार्वजनिक और दस निजी विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए चयन प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए 116 विश्वविद्यालय आवेदन कर चुके हैं। तीसरा, एक बड़ा निर्णय ग्रेडिड स्वायत्तता का लिया गया है। जिन संस्थानों को नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद) का 3.26 से अधिक ग्रेड दिया गया है, उन्हें स्वायत्तता दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत की उच्च शिक्षा के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। जिस तरह 1991 में देश की अर्थव्यवस्था का रूप बदला था, उसी तरह 2018 से देश की उच्च शिक्षा का रूप बदल जाएगा।
पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा इन राज्य विश्वविद्यालयों को मिली स्वायत्तता –
जाधवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला
गुरु जंभेश्वर विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय, हिसार
स्वायत्तता पाने वाले डीम्ड विश्वविद्यालय –
टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, नई दिल्ली
द इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
निजी विश्वविद्यालय जिसे स्वायत्तता मिली –
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत