जेल में बंद आसाराम के ट्रस्ट की 16 संपत्तियों पर चलेगा बुलडोजर, अहमदाबाद नगर निगम कर रहा कार्रवाई
जेल में कैद स्वयंभू संत आसाराम के न्यास की 16 संपत्तियों पर ध्वस्त होने की कार्रवाई का खतरा मंडरा है क्योंकि गुजरात के राजस्व विभाग ने कहा है कि वे गैर कृषि उपयोग के लिए भूमि को परिर्वितत किए बिना ही बनाए गए थे। इस महीने के शुरू में जारी राजस्व विभाग के आदेश के बाद अहमदाबाद नगर निगम ने उसे ‘प्रभाव शुल्क’ देकर इन संपत्तियों को नियमित करने के लिए न्यास को दी गई सशर्त सहमति को आज निरस्त कर दिया और इनकों तोड़ने पर फैसला जल्द किया जाएगा। एएमसी के अधिकारियों ने कहा कि वह 12 रिहायशी और चार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की किस्मत का फैसला जल्द करेंगे। इन का निर्माण आसाराम के न्यास ने कराया था।
4 मई को आसाराम और उनके बेटे पर लगे दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को एक प्रत्यक्षदर्शी ने यहां सत्र न्यायालय में गवाही दी थी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आसाराम और उसके बेटे नारायण साई पर गुजरात के सूरत में दो बहनों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 और 2006 में अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया जबकि छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई पर यही आरोप लगाए हैं। जोधपुर की जेल में बंद आसाराम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांधीनगर की अदालत में हुई इस सुनवाई में हिस्सा लिया।
वकील आर.सी कोडेकर ने कहा, “निचली अदालत की कार्यवाही बंद कमरे हुई है इसलिए कानूनी तौर पर हम कोई जानकारी नहीं दे सकते। अगली सुनवाई 14 मई को होगी।”
अब तक दो दर्जन प्रत्यक्षदर्शियों ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराए हैं और अन्य को अभी बयान दर्ज कराने हैं। सुरक्षा कारणों के कारण अदालत की कार्यवाही कैमरे में कैद की गई। आसाराम और उसके बेटे के जेल में बंद होने के बावजूद अब तक छह गवाहों पर हमला हो चुका है। इनमें से दो की आसाराम के अनुयायियों ने हत्या कर दी।