जोधपुर में भारत-पाक सीमा पर होगी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की तैनाती, अमेरिका से आई पहली खेप

लगभग एक साल की देरी के बाद भारतीय सेना को अमेरिका से तीन अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर्स की पहली खेप आज मिल गई. पहली खेप मई-जून 2024 तक भारत आनी थी, लेकिन आज पहुंचा. ये तीनो अटैक हेलीकॉप्टर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर ट्रांसपोर्ट एयर क्राफ्ट के जरिये पहुंचा. ये हेलिकॉप्टर सेना की आक्रामक क्षमता और टोही अभियानों को बड़ी मजबूती देंगे. सेना के सूत्रों का कहना है कि ये हेलिकॉप्टर पश्चिमी सीमा यानी पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किए जाएंगे.
जोधपुर में होगी तैनात
जानकारी के मुताबिक सेना इस अटैक हेलीकॉप्टर को जोधपुर में तैनात करेगी. इस सौदे से पहले भारतीय वायुसेना पहले ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीद चुकी थी. वह सौदा 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के साथ हुआ था.
नाइट विज़न नेविगेशन सिस्टम
अपाचे हेलिकॉप्टर्स अत्याधुनिक टारगेटिंग सिस्टम्स से लैस हैं, जो दिन-रात और हर मौसम में लक्ष्य का सटीक डेटा मुहैया कराते हैं. इनके पास नाइट विज़न नेविगेशन सिस्टम भी है, जिससे सेना की आक्रामक क्षमताएं और भी प्रभावशाली होंगी. इसमें नवीनतम कम्युनिकेशन, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियाँ भी शामिल हैं.
300 किमी प्रति घंटा अधिकतम स्पीड
ये हेलिकॉप्टर न केवल हमले में, बल्कि सुरक्षा, टोही और शांति अभियानों में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इसकी अधिकतम स्पीड करीब 300 किमी प्रति घंटा है. ऑपरेशनल रेंज लगभग 480-500 किमी है यह एक बार उड़ान भरने के बाद करीब साढ़े तीन तक उड़ान भर सकता है. भारतीय वायुसेना की अपाचे की दो स्क्वाड्रन पहले ही ऑपरेशनल हैं. एक पठानकोट में और दूसरी जोरहाट में.
बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम
थल सेना में शामिल होने से सेना की हमला करने की क्षमता बढ़ेगी. युद्ध या कार्रवाई के दौरान वह दुश्मन पर तेजी से हमला कर पायेगी. अगर इस हेलीकॉप्टर में हथियारों की बात करें तो इसमें इस हेलीकॉप्टर में हेलफायर मिसाइल सिस्टम लगा है, जो टैंक, लेजर-गाइडेड मिसाइल और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इसमें स्ट्रिंगर मिसाइल है जो हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है.