ज्यादा एल्कोहल पीने से रुक जाता है दिमाग का विकास, अवसाद को मिलता है बढ़ावा
एल्कोहल का ज्यादा सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता ही है साथ ही यह आपके दिमाग की क्षमता को भी प्रभावित करता है। इससे आपको याद्दाश्त खोने, दिमाग के विकास में रुकावट, डिप्रेशन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बुजुर्गों या युवाओं से ज्यादा एल्कोहल का सेवन किशोरों को प्रभावित करता है। उन्हें एल्कोहल की वजह से भूलने की बीमारी, निर्णय लेने की क्षमता में कमी, तर्क क्षमता में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एल्कोहल का दिमाग पर प्रभाव –
डिप्रेशन – जब आप एल्कोहल का सेवन करते हैं तो शुरुआत में यह आपके दिमाग को उत्तेजित करता है लेकिन थोड़े समय के अंदर ही यह अपना प्रभाव बदल लेता है और आपको अवसाद की भावना महसूस होने लगती है। इसके कारण मूड स्विंग्स, अत्यधिक भावनात्मक होना, एकाग्रता में दिक्कत, थकान आदि परेशानियां होने लगती हैं।
नर्व्स पर दुष्प्रभाव – एल्कोहल का सेवन करने से आपका ब्रेन फंक्शन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम फंक्शन प्रभावित होता है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम आपकी इंद्रियों के कार्य करने के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए जब सेंट्रल नर्वस सिस्टम सही से काम नहीं करता तो आपकी इंद्रियां सुन्न हो जाती है और आपको बोलने और समझने में भी परेशानी होती है।
निर्णय लेने की क्षमता पर असर – एल्कोहल के सेवन से आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी कमजोर होती है। यही कारण है कि एल्कोहल के सेवन से आपकी जिंदगी और आपके रिश्ते भी प्रभावित होते है। एल्कोहल के सेवन के बाद आप गलत फैसले लेते हैं जिसके लिए आपको पछताना पड़ता है।
मस्तिष्क विकास में रुकावट – वयस्क लोगों से ज्यादा एल्कोहल का सेवन युवा और किशोरों को प्रभावित करता है। अगर किशोर एल्कोहल का सेवन करते हैं तो उनके दिमाग का विकास रुक सकता है। एल्कोहल के सेवन से किशोरों के दिमाग के विकास में कमी, समस्या सुलझाने की क्षमता कम होना, मेमोरी, निर्णय लेने की क्षमता कम होना, तर्क क्षमता बाधित होना आदि समस्याएं हो सकती हैं।
याद्दाश्त क्षमता में कमी – एल्कोहल का असीमित और नियमित रुप से सेवन करने से आपकी याददाश्त भी प्रभावित होती है। हालांकि इससे थोड़ी देर के लिए ही मेमोरी लॉस होता है। इसे पार्शियल मेमोरी लॉस कहते हैं।