झारखंड में भूख से महिला की मौत, चंदा कर किया गया अंतिम संस्कार

झारखंड के धनबाद से सटे लोयबाद में भूख से एक महिला सारथी महताइन की मौत हो गई। इस महिला के पास सरकारी राशन पाने के लिए राशन कार्ड तो था, लेकिन उसे राशन 3 किलोमीटर दूर मिलता था। महिला ने अपना राशन कार्ड स्थानीय डीलर के पास ट्रांसफर करने की मांग की थी। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शनिवार (29 अप्रैल) को महिला की मौत हो गई। जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक बुजुर्ग महिला बांसजोड़ा नंबर 12 में रहती थी। इस महिला ने आशा नाम की एक लड़की गोद ले रखा था, जिसके साथ वह रहती थी। इसके अलावा उसका इस दुनिया में कोई नहीं है। महिला जबतक स्वस्थ रही राशन लाकर किसी तरह से अपना गुजारा कर रही थी, लेकिन चार महीने पहले वह बीमार पड़ गई। इसके बाद महिला ना तो काम कर पा रही थी, और ना ही 3 किलोमीटर दूर जाने की हिम्मत उसके अंदर बची थी। बता दें कि डीलर के यहां अंगूठे का निशान लगाने के बाद ही लाभुकों को अनाज मिलता है। बीमार महिला चार महीने से इस हालत का सामना कर रही थी। महिला की बेटी दूसरों के यहां मजदूरी कर किसी तरह गुजर-बसर कर रही थी। लेकिन उसकी मजदूरी दो लोगों का पेट भरने के लिए काफी नहीं हुई।

महिला की मौत के बाद थानेदार अमित कुमार गुप्ता, पार्षद महाबीर पासी महिला के घर पहुंचे। पड़ोसियों ने चंदा कर वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार किया। महिला की मौत के बाद उसकी बेटी अकेली रह गई है। पुलिस लड़की की देखभाल के लिए उसे चाइल्ड हेल्पलाइन में भेज रही है। बता दें कि जब आशा मात्र 6 महीने की थी, तभी उसे उसके असली माता-पिता बांसजोड़ा रेलवे स्टेशन के पास छोड़कर चले गये थे। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर सारथी ने उसे गोद ले लिया था और उसका नाम आशा रखा था। तब दोनों एक दूसरे का सहारा बने और जिंदगी जीने लगी। लेकिन सारथी की मौत के बाद आशा एक बार फिर से अकेली हो गई है।

महिला की मौत पर जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया, “मुख्यमंत्री जी, आज फिर एक गरीब परिवार आपकी इस असंवेदनशील जन वितरण प्रणाली की भेंट चढ़ गया। एक बेटी ने अपनी मां को खो दिया। क्या दोष था उस मां-बेटी का? आपकी इस व्यवस्था ने पहले तो उन्हें ग़रीबी से उठने नही दिया, इतना कम था कि PDS प्रणाली ने उन्हें भूखे रख कर उन्हें मरने को विवश कर दिया? मुख्यमंत्री जी यह हत्या नहीं है तो क्या है?”

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