झूठा हलफनामा देकर फंसे बंगाल बीजेपी अध्‍यक्ष, कलकत्‍ता हाई कोर्ट ने पूछे तंजभरे सवाल

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष पर झूठा हलफनामा दायर करने का आरोप लगा है। एक याचिकाकर्ता ने कलकत्‍ता उच्‍च न्‍यायालय में आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए शिकायत की है। आरोप है कि 2016 के विधानसभा चुनाव में खड़गपुर से चुनाव लड़ते समय घोष ने खुद को झरगाम पॉलीटेक्निक कॉलेज का छात्र बताया था। याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर एक आरटीआई रिपोर्ट भी दाखिल की कि राज्‍य में ऐसा कोई कॉलेज नहीं है। यह जानकारी सामने आने के बाद मुख्‍य न्‍यायाधीश ज्‍योतिर्मय भट्टाचार्य ने पूछा, ”क्‍या इस बात पर यकीन किया जा सकता है कि कोई व्‍यक्ति उस संस्‍थान का नाम भूल जाए जहां से वह उत्‍तीर्ण हुआ हो।?”

मुख्‍य न्‍यायाधीश की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष को जून में अपने सभी मूल शैक्षणिक दस्‍तावेजों के साथ एक हलफनामा दायर करने को कहा है। द टेलिग्राफ में छपी खबर के अनुसार, मुख्‍य न्‍यायाधीश ने घोष के वकील अनिंदय मित्रा से पूछा, ”क्‍या यह सही है कि झूठा एफिडेविट लगाकर एक व्‍यक्ति लोगों का प्रतिनिधित्‍व कर रहा है”

कलकत्‍ता निवासी अशोक सरकार ने यह जनहित याचिका लगाई है, जिसकी पहली सुनवाई गुरुवार (3 मई) को हुई। याचिकाकर्ता ने आरटीआई का जवाब आने के बाद एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस भी की थी। अदालत में अशोक के वकील मोहम्‍मद आरिफ ने कहा, ”घोष दावा करते रहे हैं कि वह खड़गपुर के ईश्‍वरचंद्र पॉलीटेक्निक से पास आउट हैं। लेकिन जब मेरे क्‍लाइंट ने एक और आरटीआई लगाकर कॉलेज से जानकारी मांगी तो उन्‍हें बताया गया कि 1975-1990 के बीच कॉलेज में किसी दिलीप घोष ने कोई परीक्षा नहीं दी।”

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